नई दिल्ली (एएनआई)। टीएमसी सांसद काकोली घोष से जब मास्क पहनकर संसद आने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एएनआई को बताया, 'राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बारे में सोचने की जरूरत है। हमें राजनीति से ऊपर उठकर समाधान खोजने के लिए एकजुट होना चाहिए। हमें जलवायु परिवर्तन से लड़ने का तरीका खोजने की जरूरत है।'
संसद में वायु प्रदूषण की गूंज
इससे पहले आज, भाजपा और कांग्रेस के संसद सदस्यों (सांसदों) ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर राज्यसभा में जीरो ऑवर नोटिस दिया। भाजपा सांसदों आरके सिन्हा, विजय गोयल, जीवीएल नरसिम्हा राव और नरेंद्र जाधव और कांग्रेस सदस्य केटीएस तुलसी ने संसद के उच्च सदन में मामले में जीरो ऑवर नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा के दोपहर में लोकसभा में वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा शुरू करने की उम्मीद है।
साफ हवा के संकट से जूझ रही दिल्ली
यह चर्चा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली और इसके आसपास के इलाके पिछले कुछ दिनों में हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा जलाई गई पराली के कारण गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता पराली जलाने की घटनाओं के कारण सर्दियों में हर साल खराब हो जाती है। 'गंभीर' और 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता के दिनों के बाद, राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में मंगलवार सुबह AQI में सुधार देखा गया।
राष्ट्रीय राजधानी को अस्थायी राहत
सफर के अनुसार, जहरीली हवा से राहत अस्थायी है क्योंकि हवा की गति 20 नवंबर से धीमी होने जा रही है। इसके कारण, गुरुवार (21 नवंबर) को हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में होने की आशंका है। राष्ट्रीय राजधानी में समग्र AQI 218 दर्ज किया गया, जो SAFAR के अनुसार, 'खराब' श्रेणी में गिना जाता है।
AQI की श्रेणियां
0-50 के बीच AQI को 'अच्छा', 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'बेहद खराब' और 401-500 को 'गंभीर' के रूप में चिह्नित किया जाता है। 500 से ऊपर का AQI 'गंभीर प्लस' श्रेणी में आता है।
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