वायरलेस सेट पर एक आवाज गूंजी
13 दिसंबर 2001 को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सभाएं स्थगित हो चुकी थीं। ऐसे में इसके बाद कुछ सांसद तो चले गए लेकिन कुछ वहीं पर आपस में बाते करने लगे। इस दौरान किसी को भी अंदाजा नहीं था कुछ ही मिनटों बाद ये संसद भवन गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठेगा। करीब 11 बजकर 25 मिनट संसद भवन के गेट नंबर 11 पर सुरक्षा कर्मियों के वायरलेस सेट पर एक आवाज गूंजी।
सुरक्षा कर्मियों ने सफेद कार का पीछा किया
इसमें उप राष्ट्रपति कृष्णकांत घर के लिए निकलने का आदेश था। ऐसे में 11 बजकर 29 मिनट एक सफेद एंबेस्डर कार तेजी से लोहे के दरवाजों को पार करते हुए गेट नंबर 12 तक पहुंच गई थी। यहां से राज्यसभा के भीतर के लिए सीधे रास्ता जाता है। ऐसे में जब सुरक्षा कर्मियों ने उसे बीच में रोका तो ये गाड़ी नहीं रुकी थी। कुछ सुरक्षा कर्मियों ने उनकी गाड़ी का पीछा भी किया था। इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने सफेद एंबेसडर कार चुनी थी क्योंकि इस कार की पहचान करना काफी मुश्किल था। संसद भवन में इस तरह की कार बड़ी संख्या में पाई जाती हैं।
चारों दरवाजे एक साथ खुल जाते
खास बात तो यह है कि कार पर गृह मंत्रालय का एक स्टीकर भी लगा था। इस दौरान किसी को कुछ भी नहीं पता था कि इस गाड़ी में क्या है। एंबेस्डर कार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सभी आतंकी सेना की वर्दी पहने थे। चारों दरवाजे एक साथ खुलते हैं और गाड़ी में बैठे 5 फिदायीन हमलावर पलक झपकते ही बाहर निकलकर अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगते हैं। पांचों आतंकी एके-47 से लैस थे। पांचों के पीठ और कंधे पर बैग थे।
जबरदस्त अफरातफरी मच गई
देखते ही देखते ही 11 बजकर 35 मिनट पर संसद भवन गोलियों की तड़तडाहट से गूंज उठा। आतंकियों ने सुरक्षा कर्मियों पर निशाना साधते ही बारुद गोले लगातार फेकने शुरू कर दिए। आतंकवादियों ने उन चार सुरक्षाकर्मी को सबसे पहले शिकार बनाया जो उनकी एंबेस्डर कार को रोकने की कोशिश कर रहे थे। संसद में फायरिंग और बम धमाके से पूरे भवन में जबरदस्त अफरातफरी मच गई।
पांचों आतंकियों को मार गिराया
आतंकियों ने करीब 30-45 मिनट तक लगातार संसद भवन में गोलियां बरसाईं। इसके बाद आतंकी सुरक्षा कर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां और हैंड ग्रेनेड फेकते हुए भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन जांबाज जवानों ने उनका प्लान फेल कर दिया। जवानों ने अपनी जान पर खेलकर सभी पांचों आतंकियों को मार गिराया था। वहीं इस आतंकी हमले में दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे।
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