कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से ओलंपिक्स का आयोजन हो गया है। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए मेजबान देश फ्रांस ने विशेष तैयारियां की हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पेरिस ओलंपिक के दौरान करीब एक करोड़ तीस लाख प्लेट खाने और नाश्ते का इस्तेमाल होगा और इसमें से 60 फीसदी खाना प्लांट बेस्ड होगा।ऐसा कहा जा रहा है कि मांसाहार पसंद देश ने ये फैसला पर्यावरण सरंक्षण को ध्यान में रखते हुए लिया है।प्लांट बेस्ड खाने की वजह से डेयरी प्रोडक्ट ,मांस आदि का कम प्रयोग होगा ,जिससे कार्बन फुटप्रिंट भी कम होगा।

क्या है कार्बन फुटप्रिंट

कार्बन फुटप्रिंट से मतलब ग्रीन हाउस गैसों की कुल मात्रा से है। ग्रीन हाउस गैसों में कार्बन डाइ आक्साइड और मीथेन को शामिल किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ,पेरिस ओलंपिक के दौरान एथलीटों ,कर्मचारियों और मीडिया कर्मियों को भरपूर मेन्यू परोसा जाएगा,लेकिन इनमें मांस,पनीर और डेयरी जैसे उत्पाद बहुत सीमीत रहेंगे।अपने इन प्रयासों के द्वारा पेरिस नें ओलंपिक 2024 के दौरान करीब 1.58 लाख मीट्रिक टन कार्बन फुटप्रिंट उत्सर्जन का अनुमान लगाया है। इससे पहले जब टोक्यो में ओलंपिक हुए थे तो उस समय कुल कार्बन फुटप्रिंट का उत्सर्जन 1.96 लाख मीट्रिक टन रहा था।

पर्यावरण को लेकर सजगता

फ्रांस ने अपने आसपास के करीब चार देशों को ट्रेन से यात्रा करने के लिए राजी कर लिया है।इसके साथ ही सबसे ज्यादा ध्यान मांसाहारी भोजन और पशु प्रोटीन पर दिया है क्योंकि ये सभी उत्पाद कार्बन उत्सर्जन में बड़ा सहयोग देते हैं। इस बार पेरिस ओलंपिक में खाने की जिम्मेदारी संभाल रहे फिलिप बुर्ज ने मीडिया से बात करते हुए कहा,हम शाकाहारी विकल्पों पर ध्यान देना चाहते हैं.इसमें आम जनता के लिए 60 फीसदी व्यंजन शाकाहारी होंगे। उन्होने आगे कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि इन खेलों के साथ हमारे पास चीजों को अलग तरीके से करने और यह दिखाने का एक बेहतरीन अवसर है कि कार्बन फुटप्रिंट बढ़ाने वाले व्यंजनों के अलावा एक और माडल भी संभव है।