छह सदस्यीय जांच दल की रिपोर्ट
पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने पनामा पेपर लीक मामले में आरोपों के चलते इस्तीफा देने से इन्कार कर दिया है। गुरुवार को बुलाई मंत्रिमंडल की आपात बैठक के बाद शरीफ ने यह घोषणा की। पनामा पेपर लीक मामले में शरीफ पर मुकदमा चलाने के लिए कई दलों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त जांच दल का गठन किया। छह सदस्यीय जांच दल ने इसी सप्ताह अपनी रिपोर्ट दी है।
अफवाहों का पुलिंदा हैं रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जांच दल ने शरीफ और उनके परिजनों के खिलाफ करप्शन का मामला दर्ज कर मुकदमा चलाने की संस्तुति की है। रिपोर्ट के अंशों के मीडिया में आने के बाद विरोधी दलों ने शरीफ पर पीएम पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। इसी के चलते शरीफ ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई थी। सूत्रों के अनुसार शरीफ ने बैठक में जांच दल की रिपोर्ट को आरोपों और आशंकाओं का पुलिंदा करार दिया। कहा, पाकिस्तान के लोगों ने उन्हें चुना है। केवल वे ही उन्हें पीएम पद से हटा सकते हैं।
क्या कहा नवाज ने?
शरीफ ने कहा- उनके परिवार ने राजनीति में आने के बाद कुछ भी नहीं कमाया, लेकिन इस दौरान खोया बहुत ज्यादा है। संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट में जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उससे बदनीयती साफ झलकती है। जो लोग झूठे आरोपों पर उनका इस्तीफा मांग रहे हैं, उन्हें खुद अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। वह किसी की साजिश में फंसकर इस्तीफा नहीं देने वाले।
क्या है नवाज की स्ट्रैटेजी?
डॉन अखबार के मुताबिक मंत्रिमंडल की बैठक में सहयोगियों ने शरीफ को सलाह दी कि अगर उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जाता है तो वे पूरी ताकत के साथ उसका मुकाबला करें। संयुक्त जांच दल ने शरीफ, उनके भाई और उनकी तीनों संतानों की संपत्तियों की जांच की है। पनामा पेपर लीक में उनका नाम आने पर भ्रष्टाचार के आरोपों को बल मिला। इसी के बाद विपक्ष ने शरीफ के इस्तीफे की मांग छेड़ दी।
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