पाम संडे यानी की खजूर पर्व मनाया जा रहा

ईसाई समुदाय में आज पाम संडे यानी की खजूर पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन ईसाई धर्म के अनुयाइयों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर जुलूस निकाला जाता है। पाम संडे के लिए गिरजाघरों में विशेष तैयारियां पहले से की जाती है। इस दिन लोग खजूर की डालियों को लेकर चर्च में जाते हैं। सभी चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं होती हैं। अधिकांश घरों में, चर्च से प्राप्त ताड़ के पत्ते यीशू की तस्वीर के सामने रखे जाते हैं।

केरल में अलग ही रौनक देखने को मिलती

वैसे तो भारत के कई बड़े शहरों में यह फेस्टिवल धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन केरल में इसकी एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है। इसका कारण है कि केरल की 33.4 मिलियन आबादी है। इसमें करीब ईसाई 61.41 लाख ईसाई हैं। इनमें 29.94 लाख पुरुष और 31.47 लाख महिलाएं हैं। केरल में पाम फेस्टिवल को देखने के लिए बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं और काफी ट्रैफिक जाम रहता है।

खजूर की डालियों से स्वागत किया था

पाम संडे को ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशू के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं। कहा जाता है कि यीशू मसीह ने चालीस दिन के उपवास काल में पाम संडे के दिन भारी भीड़ के साथ यरुशलम में प्रवेश किया था। इस दौरान जिस रास्ते से वह गुजर रहे थे लोगों ने उनके स्वागत के लिए अपने कपड़ों को बिछाने के साथ खजूर की डालियों को हाथों में लेकर उनका स्वागत किया था।

ईसाई समुदाय में पवित्र सप्ताह मना जाता

बतादें कि यह पाम संडे से ईस्टर संडे का यह समय ईसाई समुदाय में पवित्र माना जाता है। पाम संडे के बाद पवित्र बृहस्पतिवार और उसके बाद गुड फ्राइडे मनाया जाता है। इसके बाद पवित्र शनिवार जिसे कई बार मौन संडे के रूप में भी जाना जाता है। इसके बाद रविवार को ईस्टर संडे के नाम से जाना जाता है। ऐसे में बतादें कि खजूर रविवार, पवित्र बृहस्पतिवार और गुड फ्राइडे यीशु के आखिरी रात्रिभोज के रूप में जाने जाते हैं।  

इनपुट:आईएएनएस

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