असुरक्षित तरीके से चढ़ाते हैं खून
देश भर के 22 हजार थैलेसीमिया प्रभावित बच्चों को रक्तदान करने वाले अलग-अलग धर्मार्थ संगठनों के संघ पाकिस्तान थैलेसीमिया परिसंघ की महासचिव प्रोफेसर यास्मीन राशिद ने कल बताया कि थैलीसीमिया होने की वजह से इन बच्चों को नियमित ब्लड चढाया जाता है. जिसमें संक्रमित खून चढ़ने से करीब 10 बच्चों में एचआईवी का वायरस पाया गया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि थैलेसीमिया से प्रभावित कई बच्चों को कई बार सप्ताह में दो बार खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है, जिससे उनमें संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कई ऐसे व्यक्ति हैं जो असुरक्षित तरीके से खून चढ़ाते हैं. हालांकि इस पूरे मामले अभी स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी तरह से चुप्पी साधे है.
कानून का नहीं हो रहा पालन
पाकिस्तान मेडिकल साइंस के कुलपति जावेद अकरम का कहना है कि यह मामला काफी सवेंदनशील है. पाकिस्तान में रक्तदान करने वाले ऐसे कई पेशेवर हैं जो नशीले पदार्थो का सेवन करते हैं और उसके बाद वे जब रक्तदान करते हैं तो वायरस फैलते हैं. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मचारियों को चाहिए कि रक्तदान करने वाले लोगो का पहले अच्छी तरह से जांच होनी चाहिए उसके बाद उनका रक्त दूसरो को चढ़ाना चाहिए, लेकिन इस कानून का कठोरता से पालन नहीं होता है. इन बच्चों के अलावा न जाने कितने लोगों में एचआईवी के वायरस फैले होंगे कुछ नहीं कहा जा सकता है.
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