क्या है मामला
बताया जा रहा है कि सर्वदलीय बैठक में 31 दिसंबर की घटना को भी गंभीरता के साथ संज्ञान में लिया गया है. गौरतलब है कि 31 दिसंबर की इस घटना में पाकिस्तान रेंजर्स के दो सैनिकों को मार दिया गया था. वहीं यह सर्वदलीय बैठक आतंकियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक केस चलाने के लिए सैन्य अदालतों के गठन को लेकर मतभेदों को खत्म करने के लिए बुलाई गई थी.
पाक पीएम कार्यालय में जारी हुआ बयान
पाक में पीएम कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक बताया गया कि भारत के सीमा सुरक्षा बल की कायरतापूर्ण और अनैतिक कार्रवाई अंतराराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त पेशेवर सैन्य मानदंडों व सीमा समन्वय तंत्रों की सहमत भावनाओं के पूरी तरह से खिलाफ है. इस बयान के अंतर्गत यह भी कहा गया है कि यह एपीसी भारत के सीमा सुरक्षा बल की अवैध और नितांत अनुचित कार्रवाई की भरसक निंदा करती है. साथ ही इस बात की भी मांग करती है कि भारत सरकार इस बर्बर और कपटपूर्ण कार्रवाई के कारणों को पूरी तरह से स्पष्ट करे.
पाकिस्तान ने भारत को लिखा पत्र
यह भी कहा गया, ‘इस बात की भी उम्मीद की जाती है कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को ही इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा. उनके खिलाफ की गई कार्रवाई से पाक सरकार को भी अवगत कराया जाएगा.’ ऐसे में पाकिस्तान की ओर से कहना है कि दोनों सैनिक सीमा पर फ्लैग बैठक के लिए जा रहे थे. इसको भी तय मानदंडों के अनुरूप ही किया जा रहा था. सैनिक सफेद ध्वज लेकर ही आगे आ रहे थे. इतना ही नहीं पाकिस्तान के मुताबिक, जब वे पारस्परिक रूप से सहमति वाले स्थान पर पहुंच गए, तो भारतीय सैनिकों ने उनपर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी. इस गोलीबारी में दोनों की ही मौके पर मौत हो गई. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत को पत्र लिखकर घटना की जांच की भी मांग की है.
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