नई दिल्ली (एएनआई)। पाकिस्तानी आतंकी कश्मीर में कुछ 'बड़ा' करने की योजना बना रहे हैं। 15 अगस्त को अफगानिस्तान में सरकार गिर गई थी और तालिबान ने देश पर कब्जा कर लिया था। पता चला है कि तालिबान से हमदर्दी रखने वाले जो भारत को निशाना बना रहे हैं, अब सक्रिय हो गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय खुफिया एजेंसियों को जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने की योजना बना रहे आतंकवादियों की आवाजाही के बारे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) क्षेत्र में सक्रिय अपने समकक्षों से खुफिया रिपोर्ट मिली। अधिकारी ने कहा, पिछले 15 दिनों में सीमावर्ती इलाकों के पास आतंकी गतिविधियों में शामिल संदिग्धों के बारे में लगभग 10 अलर्ट जारी किए गए थे। हमने संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अलर्ट रहने को कहा है।

सार्वजनिक स्थानों को लेकर अलर्ट जारी

खुफिया एजेंसियों ने घाटी में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) और अन्य आतंकवादियों की आवाजाही को रोक लिया है। सुरक्षा एजेंसियों को संभावित ग्रेनेड हमलों, किसी भी बड़े टारगेट, सुरक्षा कर्मियों, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) हमले और श्रीनगर में सभी सार्वजनिक स्थानों को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। खुफिया रिपोर्टों में से एक में उल्लेख किया गया है कि जेएम के पांच आतंकवादी एक गाइड के साथ पीओके के जंद्रोट पहुंचे और जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिले के मेंढर इलाके से देश में प्रवेश कर सकते हैं। हमने सोशल मीडिया पर गतिविधियों में अचानक वृद्धि देखी है।

कश्मीर घाटी में शांति भंग करने की तैयारी

घाटी में युवाओं को संबोधित करने वाले कई असत्यापित वीडियो क्षेत्र में वायरल हो गए हैं। हम ऐसी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं और लोगों से ऐसे वीडियो की रिपोर्ट करने का अनुरोध कर रहे हैं। घाटी में शांति भंग करने की कोई भी योजना विफल हो जाएगी। अगस्त महीने में कंधार में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और तालिबान नेताओं के बीच एक बैठक के बारे में पता चलने के बाद सभी खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बैठक में तालिबान नेताओं के एक समूह ने भाग लिया, जहां जैश ने 'भारत-केंद्रित' अभियानों में उनका समर्थन मांगा। बैठक में पाकिस्तान के राजनीतिक हालात पर भी चर्चा हुई।

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