दोनों पक्षों का कहना है कि पाकिस्तान की सरकार और मुस्लिम धार्मिक नेता तहिरुल क़ादरी के बीच विरोध-प्रदर्शन को ख़त्म करने के लिए समझौता हो गया है.

हालांकि ये साफ़ नहीं हो पाया है कि सरकार और धार्मिक नेता के बीच किस तरह का समझौता हुआ है.

तहिरुल क़ादरी पिछले चार दिनों से राजधानी इस्लामाबाद में अपने हज़ारों समर्थकों के साथ जमा थे और सरकार से असेंबलियों को भंग करने और चुनाव करवाए जाने की मांग कर रहे थे.

उनके समर्थक पाकिस्तान की वर्तमान सरकार का इस्तीफ़ा भी मांग रहे थे.

प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी

ताहिरूल क़ादरी के प्रदर्शन ने सरकार की मुश्किलें तब और बढ़ा दीं जब सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में प्रधानमंत्री राजा परवेज़ अशरफ़ की गिरफ़्तारी के हुक्म जारी कर दिए.

विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री की गिरफ़्तारी नहीं की जाएगी.

पाकिस्तान की भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ने सुप्रीम कोर्ट के हुक्म को मानने से इंकार कर दिया है.

इस प्रदर्शन की वजह से राजधानी इस्लामाबाद थम सा गया था.

धार्मिक नेता ने संकेत दिए हैं कि गुरूवार देर रात को उनका प्रदर्शन समाप्त हो जाएगा.

बातचीत

दोनों पक्षों के बीच बातचीत दोपहर बाद शुरू हुई जब मंत्रिमण्डल के कुछ सदस्य उस बुलेट प्रुफ़ कंटेनर में दाख़िल हुए जिसमें क़ादरी ने मंगलवार से डेरा डाल रखा था. इस चौकोर डब्बे को उनके हज़ारों समर्थकों ने चारों तरफ़ से घेर रखा था.

सुचना मंत्री क़मर ज़मां कैरा ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि बातचीत का मक़सद गतिरोध को समाप्त करना था जिसकी बजह से राजधानी ठप्प से पड़ गई थी.

कहा जा रहा है कि जब प्रदर्शन ख़त्म होने की ख़बर फैली तो धार्मिक गुरू के समर्थकों ने ख़ुशियां मनाईं.

क़ादरी को झटका तब लगा था जब मुल्क के सबसे बड़े विपक्षी दल ने उनकी रैली का समर्थन करने से मना कर दिया था.

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