नही मिलेगा कश्मीर
मोदी सरकार ने हाल ही में 1949 में गठित यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप इन इंडिया एंड पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वह केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पुराना किला रोड स्थित बंगले को खाली करे. इस मिशन को भारत और पाकिस्तान की सीमा रेखा की देखरेख के लिए गठित किया गया था. गौरतलब है कि 1949 के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य शिमला समझौता और लाइन ऑफ कंट्रोल की स्थापना हो चुकी है इसलिए भारत सरकार के अनुसार 1949 में गठित हुए मिशन का कोई मतलब नही रह जाता है.
पाकिस्तान को है ऐतराज
इस मामले पर पाकिस्तान ने ऐतराज जताया है. पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तसनीम असलम खान के अनुसार भारत के इस प्रयास से कश्मीर विवाद के कानूनी पहलु पर कोई असर नही पडेगा. इसके साथ ही पाकिस्तान के पुराने अलाप को भी दोहराया गया कि पाकिस्तान ने कभी भी कश्मीर के भारत में विलय को नही माना है और यह विवाद सुलझने तक इसमें सयुंक्त राष्ट्र परिषद का प्रस्ताव प्रभावी रहेगा.
बंगला खाली होने से नही पड़ेगा फर्क
इसके बाद प्रवक्ता तसनीम असलम खान ने कहा कि यूएन मिशन को भारत सरकार द्वारा दिया बंगला खाली करने के आदेश से इस मिशन के लीगल स्ट्रक्चर पर कोई प्रभाव नही पड़ता है. इसके साथ ही यह कदम 1951 में यूएनएससी द्वारा पारित प्रस्ताव 91 के तहत दी गई व्यवस्था को भी खत्म नही करता.
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