कोर्ट ने लगाई फटकार
खबरों की मानें तो देश की सबसे बड़ी अदालत ने हिंदू विवाह संबंधी विधेयक में देरी के चलते सरकार को फटकार लगाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने नाराजगी जताते हुये आदेश दिया कि, इस कैबिनेट की मंजूरी मिलनी चाहिये और फिर इसे संसद में पेश किया जाना चाहिये. 'पाकिस्तान हिंदू काउंसिल' के प्रमुख रमेश कुमार वंकवानी की ओर से चीफ जस्टिस नसीरूल मुल्क की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ का ध्यान खींचा गया तक सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश दिया. गौरतलब है कि वंकवानी ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.
अल्पसंख्यकों को लेकर सुनवाई
आपको बताते चलें कि यह पीठ अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर कोर्ट की ओर से जारी दिशानिर्देश के कार्यान्वयन के संदर्भ में मामले की सुनवाई कर रही थी. फिलहाल कोर्ट ने इस मामले पर सरकार को अल्टीमेटम तो दे दिया, लेकिन यह कब लागू होता है इसको लेकर संशय है. बताते चलें कि पाकिस्तान में हिंदू विवाह को लेकर कई नियम और कानून आड़े आते हैं. अब ऐसे में यह विधेयक इनके अधिकारों का हनन होने से रोक सकता है. एक न्यूजपेपर 'डॉन' के मुताबिक, कानून के अभाव के कारण हिंदू दंपत्ति विवाह के पंजीकरण में खासी दिक्कत का सामना करते हैं. यहां आपको बता दें कि यह मामले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कई बार प्रस्तुत हो चुका है.
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