इस्लामाबाद (एएनआई)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लाहौर में अपने मॉडल टाउन निवास पर कई पत्रकारों के साथ बैठक की। इस कार्यक्रम में बोलते हुए, प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का दूसरा चरण तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही चीनी एक्सपर्ट की पाकिस्तान यात्रा के दौरान विभिन्न विषयों में सहयोग को बढ़ावा देने में अच्छी प्रगति हुई है। वहीं ऋण पुनर्निर्धारण के लिए बीजिंग को लिखे अपने पत्र के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि चीन पाकिस्तान को ऋण चुकाने के लिए पांच से सात वर्ष का समय देने पर सहमत हो जाए तो सरकार मुद्रास्फीति, विशेष रूप से ऊर्जा की कीमत को कम करने में सक्षम होगी। वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें अब तक कोई प्रतिक्रिया मिली है, प्रधानमंत्री ने कहा अभी तक नहीं... हमारा अनुरोध विचाराधीन है। हालांकि हमें इस संबंध में चीन से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है।

अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारा जाना चाहिए

इसके अलावा जब पाकिस्तान-अमेरिका संबंधों पर आगे सवाल किया गया, तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विश्वास व्यक्त किया कि वाशिंगटन के साथ अपने संबंधों को सुधारना पाकिस्तान के सर्वोत्तम हित में है। डॉन के अनुसार, उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि अमेरिका के साथ हमारे संबंधों को सुधारा जाना चाहिए, क्योंकि यह पाकिस्तान के लिए बहुत आवश्यक है लेकिन यह चीन की कीमत पर नहीं होना चाहिए और मैंने हाल ही में श्री इशाक डार सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में अमेरिकियों से कहा था। उन्होंने कहा, मैंने उनसे यह भी कहा कि इसी तरह, चीन के साथ दोस्ती अमेरिका की कीमत पर नहीं है, क्योंकि दोनों हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के अनुसार, चीन पाकिस्तान की ऐसी मदद कर रहा है, जो अमेरिका नहीं कर सकता।

किसी भी तरह की राजनीति की कोई जगह नहीं

डॉन के अनुसार, शहबाज शरीफ ने अपनी टिप्पणी में पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी भलाई सुनिश्चित करने के लिए अपने सभी संसाधनों का उपयोग करेगी। यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की चीन पर सकारात्मक टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर बार-बार हमले हो रहे हैं। हालांकि दोनों देश बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में एक साथ शामिल हैं, लेकिन इसके तहत परियोजनाओं ने पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान के कर्ज को और बढ़ाया है, जबकि पहले से ही आर्थिक संकट है। उन्होंने कहा कि चीन जैसे करीबी दोस्त के साथ व्यवहार में किसी भी तरह की राजनीति की कोई जगह नहीं है। उन्होंने घोषणा की कि वे आम जनता के सामने आने वाले मुद्दों, जैसे ऊर्जा की कीमतों और मुद्रास्फीति से अच्छी तरह वाकिफ हैं।

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