पाकिस्तान में ममनून हुसैन नए राष्ट्रपति चुने गए हैं. 73 वर्षीय ममनून हुसैन पेशे से कपड़ा कारोबारी हैं और प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के क़रीबी रहे हैं.
उनका जन्म भारत के ऐतिहासिक शहर आगरा में हुआ था और विभाजन के बाद वे पाकिस्तान चले गए थे. सितंबर में आसिफ अली जरदारी के पद छोड़ने के बाद ममनून हुसैन राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.
ममनून हुसैन लंबे समय से पीएमल-एन से जुड़े रहे हैं हालाँकि राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया. पाकिस्तान पीपुल्ज पार्टी ने चुनाव कार्यक्रम में बदलाव का विरोध करते हुए राष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार किया था.
पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के चुनाव में संसद सदस्य और चार प्रांतों की विधानसभाओं के सदस्य मतदान करते हैं. पाकिस्तान में राष्ट्रपति के पास बहुत ज़्यादा अधिकार नहीं होते.
पाकिस्तान में मई में हुए आम चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पीएमएल-एन के नवाज़ शरीफ़ प्रधानमंत्री बने थे. नवाज़ शरीफ़ की पार्टी ने पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली और पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले पंजाब प्रांत की एसेंबली में बहुमत प्राप्त किया था.
विवादों भरा कार्यकाल
ज़रदारी का पाँच साल का कार्यकाल आठ सितंबर को समाप्त हो रहा है.
ज़रदारी ने पूर्व सैनिक शासक परवेज़ मुशर्रफ़ के बाद यह पद ग्रहण किया था. ज़रदारी ने 2010 में पद ग्रहण करते समय कई संवैधानिक सुधार करने के लिए सहमति जताई थी जिसके तहत राष्ट्रपति के कई अधिकारों को प्रधानमंत्री को हस्तांतरित किया जाना शामिल था.
किसी भी नागरिक सरकार के दौरान अपना कार्यकाल पूरा करने वाला पहला राष्ट्रपति होने को ज़रदारी की मुख्य उपलब्धि मानी जा रही है.
ज़रदारी के कार्यकाल के दौरान सेना और न्यायपालिका के संग हुए विवाद चर्चित रहे थे. उनकी सरकार ने तालिबानी घुसपैठ से परेशान पाकिस्तान की बढ़ती हुई आर्थिक दिक्कतों को दूर करने के लिए कुछ खास प्रयास नहीं किए.
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