मुजफ्फराबाद (एएनआई)। जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान हर रोज कोई नया पैतरा आजमा रहा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को पाक अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक रैली और भारत के खिलाफ जमकर जहर उगला। अपनी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने वहां के लोगों को भारत के खिलाफ खूब उकसाया। इमरान ने कहा, 'मुझे पता कि आप में से कई लोगों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार करने का प्रयास किया है लेकिन मैं आज आपसे यह कहता हूं कि अभी एलओसी पर जाने की जरूरत नहीं है। आप लोग तब लाइन ऑफ कंट्रोल जाना जब मैं आपसे जाने को कहूंगा। पहले मुझे संयुक्त राष्ट्र में जाने दो। दुनिया को बताने इस मसले के बारे में बताने दो। अगर कश्मीर का मसला हल नहीं किया गया, तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।'
फ्लॉप रही इमरान की रैली
रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा, 'मैं भारत को बताना चाहता हूं कि अब कश्मीर में उग्रवाद बढ़ेगा। लोग भारत सरकार के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। दुनिया भर के 1।25 अरब मुसलमान देख रहे हैं कि कश्मीर में क्या हो रहा है।' इसी बीच POK के पॉलिटिकल ऐक्टिविस्ट अमजद अयूब मिर्जा ने इमरान खान की इस रैली को पूरी तरह से फ्लॉप बताया है। खान की रैली के बारे में एएनआई से बात करते हुए मिर्जा ने कहा, 'मुजफ्फराबाद में इमरान खान की रैली फ्लॉप शो रही, इस रैली के लिए एबोटाबाद और रावलपिंडी से लोगों को ट्रकों में भरकर लाया गया था। पीओके में लोगों ने रैली का पूरी तरह से बहिष्कार किया है। दुनिया को इस पर लोगों को बधाई देना चाहिए।'
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बौखला गया है पाकिस्तान
बता दें कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत हर जगह यही कह रहा है कि यह एक आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए। अब पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र में भी पहुंच गया है। भारत के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने उसका आंतरिक मामला बताया और इसका समर्थन भी किया है। वहीं, पाकिस्तान ने अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय सहित दुनिया भर के कई नेताओं को इस मुद्दे पर दखल देने के लिए कहा है लेकिन कोई भी देश उसके समर्थन में आगे नहीं आया।
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