मंगलवार रात से ही बंद कर दी गई आवाजाही
गौरतलब है कि नियाम खैबर पख्तूनख्वा के स्वाबी जिले का रहने वाला था. उसे मंगलवार तक हरिपुर केंद्रीय कारागार में रखा गया. उसके बाद उसे हेलीकॉप्टर से पेशावर केंद्रीय कारा में लाया गया. इससे पहले प्रशासन ने जेल के बाहर आतंकवादी खतरे के बीच सैनिकों और पुलिस को तैनात किया था. यह जेल शेर शाह सूरी रोड के किनारे पर है. इस रोड पर मंगलवार रात से ही आवाजाही बंद कर दी गई थी.
2005 में पाया गया था दोषी
बताया जा रहा है कि परवेज मुशर्रफ की हत्या की कोशिश रावलपिंडी के झांडा चिची पुल के करीब 14 दिसंबर 2003 को की गई थी. इसमें पीएएफ के छह कर्मचारियों को तीन अक्टूबर 2005 में दोषी पाया गया था. इन दोषियों को 20 महीने तक हिरासत में रखा गया था.
छठे दोषी को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा
वहीं दूसरी ओर इस मामले में 19 दिसंबर से अब तक पूर्व कनिष्ठ टेक्नीशियन अदनान राशिद, पूर्व मुख्य टेक्नीशियन खालिद महमूद, पूर्व वरिष्ठ टेक्नीशियन करम दीन और पूर्व कार्पोरल नवाजिश को फांसी दी जा चुकी है. हालांकि, इनमें से छठे दोषी नसरुल्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
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