इस्लामबाद (आईएएनएस)। विशेष अदालत ने उच्च राजद्रोह मामले में अपना विस्तृत फैसला सुनाया, जिसमें उसने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की लाश को घसीटने और लटकाने का आदेश दिया। पाकिस्तान सरकार ने इस फैसले को खारिज कर दिया है और सर्वोच्च न्यायिक परिषद (एसजेसी) में पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ के खिलाफ एक संदर्भ दर्ज करने का फैसला किया है। जज सेठ ने तीन न्यायाधीशों की विशेष अदालत का नेतृत्व किया जिसने मंगलवार को पूर्व सैन्य शासक को मौत की सजा सुनाई। सरकार और सेना दोनों ने गुरुवार को विस्तृत फैसले के 'पैरा 66' पर नाराजगी जाहिर की और इसे 'गैरकानूनी', 'अमानवीय' और 'असंवैधानिक' करार दिया।
मुशर्रफ को पकड़ने का आदेश
विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा, 'हम कानून लागू करने वाली एजेंसियों को भगोड़े मुशर्रफ को पकड़ने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने का निर्देश दिया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सजा कानून के अनुसार है और यदि उसे मृत पाया जाता है, तो उसकी लाश को डी-चौक तक खींचकर लाया जाए और तीन दिन तक लटकाया जाए।'& इसके बाद, सरकार ने एसजेसी में जाने फैसला किया और सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की रणनीतिक समिति की बैठक के दौरान फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का निर्णय लिया। बता दें कि पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद यह बैठक हुई। इससे पहले, पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है।
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