इस्लामाबाद (पीटीआई)। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह से बौखला गया है। यही कारण है कि इस बार उसने भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोलने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को बताया कि इस्लामाबाद ने भारत के राष्ट्रपति कोविंद को अपनी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी है। दरअसल, राष्ट्रपति कोविंद सोमवार से आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की यात्रा पर जाने वाले हैं, इसलिए भारत ने पाकिस्तान से उसके हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने का परमिशन मांगा था।
इमरान खान ने दी फैसले को मंजूरी
बता दें कि राष्ट्रपति कोविंद आइसलैंड, स्विट्जरलैंड और स्लोवेनिया की यात्रा के दौरान भारत की 'राष्ट्रीय चिंताओं' पर उन देशों के शीर्ष नेताओं से चर्चा करेंगे। उम्मीद है कि वह उन नेताओं से पुलवामा सहित तमाम आतंकी हमलों पर चर्चा कर सकते हैं। कुरैशी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कश्मीर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस फैसले को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली का कश्मीर पर सख्त रुख एक गंभीर मुद्दा है, जिसे वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के साथ उठाएंगे। पाकिस्तान ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकी कैंप पर भारतीय वायु सेना की स्ट्राइक के बाद फरवरी में अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया था। फिर 27 मार्च को पकिस्तन ने नई दिल्ली, बैंकाक और कुआलालंपुर को छोड़कर सभी फ्लाइट्स के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया।
16 जुलाई को सभी के लिए खोला हवाई क्षेत्र
इसके बाद 16 जुलाई को पाक ने सभी फ्लाइट्स के लिए अपना हवाई क्षेत्र पूरी तरह से खोल दिया। पाकिस्तान पहले ही भारत के साथ अपने व्यापार को निलंबित कर चुका है और जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के विरोध में उसने भारत पाक के बीच चलने वाली ट्रेन और बस सेवाओं को भी रोक दिया है। गौरतलब है कि 5 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प व जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन व जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किया था। राज्यसभा में अनुच्छेद 370 संबंधी प्रस्ताव स्वीकार और जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक पास हो गया था। इसके बाद दूसरे दिन यह लोकसभा में पेश हुआ और शाम को यहां से भी हरी झंडी मिली गई। प्रस्ताव पास होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया। वहीं लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। भारत सरकार के इसी फैसले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत हर जगह यही कह रहा है कि यह एक आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए।
International News inextlive from World News Desk