इस्लामाबाद (पीटीआई)। रविवार को इमरान खान के कहने पर पाक के राष्ट्रपति ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया और संसद भंग कर दी , जिसपर चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जो भी आदेश दिए और काम शुरू किया है सब अदालत के आदेश के अधीन होंगे।
अविश्वास प्रस्ताव को नहीं होगा खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार और मंगलवार को चीफ जस्टिस बंदियाल, जस्टिस इजाजुल अहसन, जस्टिस मजहर आलम खान मियांखेल, जस्टिस मुनीब अख्तर और जस्टिस जमाल खान मंडोखाइल ने डिप्टी स्पीकर सूरी के इस कदम को खारिज करने के बाद मामले को उठाया। मामले में अध्यक्ष अल्वी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सभी राजनीतिक दलों को उत्तर देना होगा। डिप्टी स्पीकर के इस फैसले पर सरकार और विपक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलें पेश की। दलीलों के दौरान चीफ जस्टिस बंदियाल ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता भले ही नेशनल असेंबली के स्पीकर संविधान के आर्टिकल 5 की बात करे।
इमरान पर लगे आरोप
एक्सपर्ट ने कहा कि अगर कोर्ट डिप्टी स्पीकर के खिलाफ फैसला सुनाती है, तो संसद फिर से खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। चीफ जस्टिस बंदियाल ने सोमवार को कहा कि देश में पॉलिटिकल और संविधान से संबंधित संकट पर कोर्ट एक "रीजनेबल ऑर्डर" जारी करेगा। पाकिस्तान पीएमएल-एन के नेता शहबाज शरीफ ने एक प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री पर संविधान का उल्लंघन करने और देश में नागरिक-मार्शल कानून लागू करने का आरोप लगाया।
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