उप पुलिस प्रमुख अशरफ़ शाह ने बीबीसी को बताया कि डॉक्टर इफ़्तिख़ार ने 'रूतबए रसूल' के नाम से एक किताब लिखी थी जिसमें कथित तौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था जो इस्लाम के पैगंबर की शान के विरूद्ध थे.
पुलिस का कहना है कि लोगों ने किताब के विरोध में प्रदर्शन किए थे और रोड ब्लॉक कर दिया था. स्थानीय पुलिस ने इसके बाद प्रशासन से सलाह मशविरा किया, जिसने मामले में मुक़दमा दर्ज करने का हुक्म दिया.
भतीजे ने केस दर्ज किया
थाने में जिस व्यक्ति ने डॉक्टर इफ़्तिख़ार के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करवाया है वो उनके भतीजे हैं. डॉक्टर इफ़्तिख़ार लंबे समय अमरीका में रहे हैं और उन्होंने रसायन विज्ञान में पीएचडी कर रखी है.
लेकिन पिछले पांच साल से वो पाकिस्तान में रह रहे हैं जिस दौरान उन्होंने 'रूतबए रसूल' के नाम से किताब लिखी. किताब की प्रतियां और उससे संबंधित मसौदों को पुलिस ने क़ब्ज़े में ले लिया है.
पाकिस्तान में ईश-निंदा के मामले में पहले भी लोगों की गिरफ़्तारी होती रही है. हाल में ही एक ईसाई बालिका रमशा मसीह को इसी क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था लेकिन बाद में उसे अदालत के हुक्म पर छोड़ दिया गया.
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