इससे एक दिन पहले उन्हें एक विद्रोही नेता नवाब अकबर बुगटी की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी.
मुशर्रफ़ ने ही लाल मस्जिद की घेराबंदी करके सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया था जिसमें एक कट्टरपंथी मौलवी अब्दुल रशीद गाज़ी और 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
मुशर्रफ़ के एक प्रवक्ता का कहना है कि इस मामले में शुक्रवार को अदालत के समक्ष पेश होंगे.
राजनीति से प्रेरित
परवेज़ मुशर्रफ फिलहाल नज़रबंद हैं और उन पर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और एक बलोच कबयाली नेता की हत्या का मामला चल रहा है. हालांकि उन्हे इन दोनों ही मामलों में जमानत मिल गई है.
उनका कहना है कि उन पर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
इतना ही नहीं, मुशर्रफ पर 2007 में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के जजों को बर्खास्त करने की कोशिश करने का मुकदमा भी चल रहा है. सरकार का कहना है कि उनपर देशद्रोह का मुकदमा भी चलाया जाएगा.
स्वनिर्वासन में रहने के बाद आम चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान लौटे परवेज़ मुशर्रफ़ पर कई आरोप लगाए गए जिसके बाद वे अप्रैल के महीने से ही हिरासत में हैं. इन चुनाव में नवाज़ शरीफ़ की पार्टी की जीत हुई थी.
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