नैथन वरहेस्ट नामक इस व्यक्ति ने एक लड़की के तौर पर जन्म लिया था लेकिन अपनी मनोवैज्ञानिक पीड़ा के आधार पर उन्होंने अपना जीवन ख़त्म करने के लिए मदद मांगी.

सोमवार को ब्रसेल्स के अस्पताल में उनकी मौत हो गई. दो डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि नैथन अस्थायी तनाव से नहीं जूझ रहे थे.

इस केस को मीडिया में बहुत ज़्यादा प्रमुखता मिली. बेल्जियम ने साल 2002 में यूथेनेशिया यानी इच्छा मृत्यु को क़ानूनी घोषित किया गया था. पिछले साल इस तरह के 52 मामले सामने आए थे.

प्रक्रिया

डॉक्टर विम डिसलमैन्स ने बेल्जियम के एक अख़बार को बताया कि ''नैथन की मौत शांति से हुई.'' 44 वर्षीय नैथन वरहेस्ट का जन्म नैन्सी के रूप में हुआ था. परिवार में तीन लड़के थे. नैथन की मृत्यु से पहले वाली शाम को उनसे बातचीत का दावा करने वाले अखबार का कहना है कि उन्हें परिवार ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि उन्हे एक और बेटा चाहिए था.

साल 2009 से 2012 के बीच उसके तीन ऑपरेशन हुए. बताया जाता है कि नैथन का कहना था कि जब ''मैंने पहली बार ख़ुद को आईने में देखा तो मुझे अपने नए शरीर से नफ़रत हुई.''

अस्पताल का कहना है कि किसी मरीज़ को इच्छा मृत्यु दिए जाने से पहले की प्रक्रिया काफ़ी सख़्त होती है.

डॉक्टर ज्यां मिशेल थॉमस बताते हैं, ''जब हमारे पास कोई ऐसा मामला होता है जो काफ़ी पेचीदा हो, तो हमें अपने आप से कहीं ज़्यादा सवाल पूछने पड़ते हैं ताकि निदान के बारे में पूरी तरह आश्वस्त हो सकें.''

निर्विवाद

ब्रसेल्स से बीबीसी संवाददाता मैथ्यू प्राइस का कहना है कि जब से इच्छा मृत्यु को क़ानूनी मान्यता मिली है तब से ये रास्ता अपनाने वालों की संख्या काफ़ी बढ़ी है. ज़्यादातर लोग 60 साल से ऊपर के होते हैं और कैंसर के मरीज़ हैं.

बेल्जियम में 18 साल से ऊपर की उम्र के लोगों के लिए इच्छा मृत्यु लेने पर तुलनात्मक रूप से कोई विवाद नहीं है. संसद अब 18 साल से नीचे के आयुवर्ग के लिए भी इसे क़ानूनी बनाने पर विचार कर रही है.

शर्त ये है कि मरीज़ में अपने लिए ख़ुद फ़ैसले लेने की क्षमता होनी चाहिए. उन्हें होश में होना चाहिए और स्वैच्छिक, सोच-विचार कर की गई मृत्यु की इच्छा लगातार प्रेषित करनी चाहिए. बेल्जियम में साल 2012 में इच्छा मृत्यु के 1,432 मामले दर्ज किए गए हैं.

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