टिकी हैं प्रशंसकों की नजरें
बताते चलें कि अब भारत को विवा की नंबर 1 टीम के खिलाफ इस मुकाबले को जीतना होगा। इस मुकाबले को अपने नाम करने और वर्ल्ड ग्रुप में पहुंचने के लिए रविवार को होने वाले दोनों उलट एकल रबर हर हाल में इन्हें अपने नाम करने होंगे। अब देखना ये है कि दोनों ऐसा करने में सफल हो पाते हैं या नहीं।
ऐसा रहा खेल
बीते सप्ताह के खेल पर गौर करें तो सामने आता है कि स्विस स्टार मार्टिना हिंगिस के साथ अमेरिकी ओपन में मिश्रित युगल खिताब जीतकर आए पेस व बोपन्ना और राडेक स्टेपानेक और एडम पावलासेक की जोड़ी ने 7-5, 6-2, 6-2 से हराया। बताते चलें कि ये मैच कुल दो घंटे नौ मिनट चला था। शनिवार को हुए मैच में पेस तो फिर भी कुछ हक तक अपने रंग में नजर आए, लेकिन बोपन्ना इसके विपरीत लगे। पेस और बोपन्ना को जीतते हुए देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की उम्मींदें उनपर टिकी रहीं।
पेस को है बोपन्ना पर पूरा विश्वास
इनके खेल पर गौर करें तो पेस और बोपन्ना ने सात डबल फॉल्ट किए। इसके अलावा 48 बेजां गलतियां कीं और बहुत ही कम विनर्स भी लगाए। वैसे पेस ने इस तरह की उम्मींद बंधाई है कि बोपन्ना के साथ वह पुरुष युगल वर्ग का ओलंपिक खिताब जरूर जीत सकते हैं। इस क्रम में पेस का कहना है कि बोपन्ना एक बेहद शानदार खिलाड़ी हैं। उन्हें उनपर पूरा विश्वास है।
पेस हैं ऐसे एकमात्र भारतीय खिलाड़ी
वैसे बताते चलें कि टेनिस में ओलंपिक पदक जीतने वाले पेस भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं। अटलांटा ओलम्पिक-1996 में उन्होंने पुरुष एकल वर्ग का कांस्य पदक जीता था। इसको लेकर पेस का कहना है कि यह खुद पर विश्वास पर निर्भर करता है, क्योंकि वे दोनों अच्छा टेनिस खेलते हैं और शारीरिक रूप से भी फिट हैं। फिलहाल मुकाबलों के पहले दिन युकी भांबरी पहला एकल मैच हार गए थे, लेकिन सोमदेव देवबर्मन ने जोरदार खेल दिखाते हुए दूसरा एकल जीत भारत को बराबरी पर ला दिया था।
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