पान खाने से नहीं होता कैंसर
आम धारणा यह है कि पान खाने से मुंह का कैंसर होने की आशंका बनी रहती है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने उसी पान में ऐसा तत्त्व खोज निकाला है जो रोग प्रतिरोधक होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आप पान में सही मात्रा में कत्था, चूना और सुपारी डालते हैं और तंबाखू के सेवन से परहेज करते हें तो आपको कैंसर होने की संभावना तो नहीं ही होती बल्कि मुंह की और कई दिक्कतों से भी छुटकारा मिल जाता है।
मुंह की सूजन और दांत दर्द से मिलता है आराम
पान अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण दर्द, पीड़ा और सूजन दूर करने में कारगर है। कोलकात्ता विश्वविद्यालय व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल बायोलॉजी के वैज्ञानिकों ने पान के पत्ते की नौ किस्मों की जांच में पाया कि यह सूजन को कम कर सकता है। यानी अगली बार जब आप मीठा पत्ता, मद्रासी पत्ता आदि का नाम सुनें तो इसे नुकसानदायक से अधिक फायदेमंद समझ सकते हैं।
फायदेमंद हैं पान की कुछ खास किस्में
विश्वविद्यालय के एक चिकित्सा अनुसंधान प्रयोगशाला की इना रे बनर्जी के मुताबिक आमतौर पर लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि पान की कुछ किस्में फायदेमंद हैं। पान के पत्ते की जिन नौ किस्मों का परीक्षण किया गया, उनमें से पांच में सूजन कम करने का गुण पाया गया। बनर्जी ने यह जानकारी कोलकाता में रविवार को आयोजित फ्रंटियर्स इन ट्रांसलेशनल एंड रिजनरेटिव बायोलॉजी समारोह के दौरान दी। उनके अनुसार समारोह में इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि पान के पत्ते की इन किस्मों से रोग प्रतिरोधी दवाओं को विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।