न्याय का कठघरा

लिट्टे के खिलाफ युद्ध के अंतिम चरण में कथित मानवाधिकार उल्लंघन की जांच की अंतरराष्ट्रीय मांग का समर्थन करते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि श्रीलंका सरकार को इन मामलों की स्वतंत्र जांच करानी चाहिए और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में खड़ा करना चाहिए.

1000 को जोडा़

यहां दूसरे साऊथ एशियन कनवेंशन 2013 के मौके पर मौजूद एक हजार प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा, दुनियाभर के लोगों और अपने नागरिकों के प्रति श्रीलंका सरकार की यह जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि वह मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच करे और इसके जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाए. प्रतिनिधियों ने चिदंबरम से सवाल पूछा था कि श्रीलंका में निवेश की अनुमति क्यों दी जाए, जब वहां अल्पसंख्यक वर्ग तमिल समुदाय पीड़ित है. इस पर उन्होंने कहा, निवेश एक इच्छा है जो राष्ट्रीय सीमाएं नहीं देखती है. यहां मामला मानवाधिकार के उल्लंघन का है.

चोगम SUMMIT

पिछले सप्ताह राष्ट्रमंडल देशों के शासन प्रमुखों [चोगम] की बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इस मामले में श्रीलंका को स्वतंत्र जांच आयोग गठित करने के लिए अगले साल मार्च तक का समय दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा करने में विफल रहने पर वह संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से इस मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग करेंगे.

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