उर्जा मंत्री तानेर यिलज़िद ने टीवी पर दिए गए एक बयान में कहा है कि जिस वक्त धमाका हुआ उस वक्त खान में 780 कामगार मौजूद थे. जिन 200 लोगो को अबतक बाहर निकाला जा चुका है उनमें से 70 घायल हैं और उनका इलाज जारी है.
शुरूआती रिपोर्टों में कहा गया था कि मारे जाने वालों की संख्या 17 है जबकि काफ़ी लोग खान के नीचे फंसे हुए हैं.
हालांकि ये भी कहा जा रहा था कि कुछ लोग वहां से निकलने में कामयाब हो गए हैं.
'ऑक्सीजन भेजा जा रहा ..'
फंसे खनिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है और खदान के भीतर पाइप के ज़रिये ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है ताकि मज़दूरों को सांस लेने में दिक्क़त ने पेश आए.
अधिकारियों का कहना है कि धमाका बिजली के सिस्टम में कुछ गड़बड़ी की वजह से हुआ.
मुल्क के पश्चिमी इलाके के सोमा शहर के बाहर मौजूद कोयले की एक खदान के भीतर 300 से अधिक मज़दूर खदान में फंसे बताए जा रहे हैं.
अधिकारियों का कहना है कि धमाका, एक ख़राब पॉवर यूनिट की वजह से हुआ है जो खदान में लगभग दो किलोमीटर की गहराई पर स्थित है.
एक वरिष्ठ स्थानीय अधिकारी महमत बहत्तीन अटकी ने कहा कि धुएं की वजह से बचाव में दिक्कत आ रही है.
सुरक्षा का रिकार्ड
तुर्की के ऊर्जा मंत्री तनेर यिल्दिज़ बचाव अभियान की निगरानी के लिए सोमा जा रहे हैं.
उन्होंने ये भी बताया कि चार बचाव दल अभी खदान में लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं.
विश्लेषकों का कहना है कि अन्य औद्योगिक देशों की तुलना में तुर्की के कोयला खनन उद्योग का सुरक्षा रिकॉर्ड अच्छा नहीं है.
साल 1992 में तुर्की में एक खनन हादसे में 270 मज़दूरों की मौत हो गई थी.
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