कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Ordnance Factory Day 2023: आप जानते हैं देश की सेना को हथियारों की ताकत कहां से मिलती है। नहीं जानते हैं, तो हम बता देते हैं। इसके पीछे देश की आयुध यानी ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज का हाथ है। इसका जिक्र इसलिए हो रहा है क्‍योंकि 18 मार्च यानी आज ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे है।

18 मार्च को पहली ऑर्डनेंस फैक्ट्री स्थापित

18 मार्च 1801 को कोलकाता के कोसीपुर में पहली ऑर्डनेंस फैक्ट्री स्थापित की गई थी। यानी 200 सालों से भी ज्‍यादा हो चुके हैं। ऑर्डनेंस फैक्ट्री सरकार की वो ब्रांच है, जो वेपेंस की रिसर्च एंड डेवलपमेंट, टेस्‍टिंग, प्रोडयूसिंग, लॉजिस्‍टिक्‍स का प्रदर्शन और मार्केटिंग करती है। इसके तहत गोला बारूद, यूनिफॉर्म, बुलेट प्रूफ व्‍हीकल्‍स और माइन रेसिस्‍टेंट व्‍हीकल्‍स की सप्‍लाई होती हैं।

हथियारों का प्रदर्शन

मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस इस दिन इंडियन आर्म्‍ड फोर्सेज द्वारा यूज होने वाली तोप और दूसरी चीजों को लोगों के लिए डिस्‍प्‍ले करती है। बता दें कि ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड के अंडर ऑर्डेनेंस फैक्ट्रीज आती हैं। इसका हेडऑफिस कोलकाता में है। इसके अंदर देश भर में करीब 40 फैक्ट्रीज, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रीजनल मार्केटिंग सेंटर्स और रीजनल सेफ्टी कंट्रोल ऑफिस आते हैं।

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