स मुद्दे पर बातचीत के लिए आयोजित किए गए एक ख़ास सत्र में शरीफ़ ने कहा कि उन्होंने अपनी दौलत ग़ैर-क़ानूनी तरीके से नहीं कमाई है और उनकी कमाई का एक भी पैसा पाकिस्तान से बाहर नहीं गया है। लेकिन शरीफ़ की बातों से असंतुष्ट विरोधियों ने संसद से वाकआउट किया। विरोधियों का कहना था कि शरीफ़ ने उनसे पहले पूछे सवालों के जवाब नहीं दिए हैं।
अप्रैल में शरीफ़ ने वादा किया था कि इल्ज़ाम सही साबित होने पर वो अपने पद से इस्तीफ़ा दे देंगे। देश के नाम संदेश जारी करते हुए उन्होंने कहा था कि देश के चीफ़ जस्टिस से मामले में स्वतंत्र जांच करने के लिए कहेंगे।
पिछले महीने पनामा पेपर्स नाम से लीक हुए दस्तावेज़ों के सामने आने के बाद से नवाज़ शरीफ़ पर दवाब बना हुआ था। इन दस्तावेज़ों के अनुसार कई नामी और ताकतवर लोगों के विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी होने की बात सामने आई थी जिनमें शरीफ़ के परिवार के सदस्य भी शामिल हैं।
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