चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैबा के संस्थापक और जमात उद दावा के मुखिया क्लिक करें हाफ़िज़ सईद ने कहा है कि पाकिस्तान को भारत से बिजली नहीं खरीदनी चाहिए.

बिजली संकट से जूझ रहा पाकिस्तान भारत से बिजली ख़रीदना चाहता है.

हाफ़िज़ सईद के प्रवक्ता यहया मुजाहिद ने बीबीसी से कहा, "हाफ़िज़ साहब का मानना है कि भारत ने पाकिस्तान के दरियाओं पर क़ब्ज़ा कर रखा है और उन्हीं दरियाओं के पानी से वो बिजली पैदा करता है और फिर उसी बिजली को हमें बेचने की कोशिश कर रहा है."

यहया मुजाहिद ने कहा, "पाकिस्तान को भारत से बिजली ख़रीदने के बजाए दोनों मुल्कों के बीच नदियों के पानी को लेकर जो विवाद है पहले उसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए."

हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर समझौता मौजूद है लेकिन इस मामले में कई ऐसे बिंदु हैं जिस पर विवाद पूरी तरह से नहीं सुलझ पाया है.

सस्ती बिजली उपलब्ध

दोनों मुल्क इस मसले पर समय-समय पर बातचीत करते रहते हैं.

जमात उद दावा के प्रवक्ता ने दावा किया कि चीन और ईरान जैसे मुल्क पाकिस्तान को भारत से सस्ती दर पर बिजली सप्लाई करने को तैयार हैं. उनका कहना था कि पाकिस्तानी हुकूमत अमरीका के दबाव में भारत से बिजली ख़रीदने की योजना बना रही है.

कुछ जगहों पर पाकिस्तान के वित्त मंत्री इसहाक़ दर के हवाले से कहा गया है कि भारत पाकिस्तान को 2000 मेगा वॉट तक बिजली बेचने को तैयार है.

ख़बरें हैं कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने पिछले हफ़्ते भारत-पाक संयुक्त व्यापार परिषद के सदस्यों से कहा था कि उन्होंने जल और बिजली मामलों के मंत्री ख़्वाजा मोहम्मद अशरफ़ से कहा है कि वो भारत जाएं और दोनों मुल्कों के बीच सहयोग की संभावनाओं की तलाश करें.

पुराना दृष्टिकोण

इस्लामाबाद से बीबीसी संवाददाता आसिफ़ फ़ारूक़ी का कहना है कि क्लिक करें जमात उद दावा ने पानी के बँटवारे के विवाद को पिछले साल भर में ज़ोर-शोर से उठाया है और हाफ़िज़ सईद के ताज़ा बयान को भी इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए.

संवाददाता का कहना था कि बिजली की क़िल्लत पाकिस्तान में एक बहुत बड़ा मुद्दा है और इसे पिछली पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की सरकार की हार की एक बड़ी वजह माना जाता है.

उनके मुताबिक़ इस हालात में कोई भी सरकार एक चरमपंथी संगठन की बातों पर ध्यान न देकर इस बिजली संकट की समस्या से निपटने की कोशिश करेगी क्योंकि वो उसी राजनीतिक हालात का सामना नहीं करना चाहेगी जो पीपीपी को करनी पड़ी.

International News inextlive from World News Desk