तालिबान पाकिस्तान के संपर्क में आया
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कल बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर आतंकी को दबोचने में सफलता मिली. वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ताज मुहम्मद स्कूल पर हमला करने वाले दूसरे दस्ते का कमांडर था. खैबर एजेंसी के रहने वाले ताज ने सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए खुद को विस्थापित बताता था. पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2008 में वह तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान के संपर्क में आया था. आतंकी ताज ने उत्तरी वजीरिस्तान और पेशावर के आसपास के इलाकों में कई आतंकी वारदात को अंजाम देने की बात भी कबूली है. स्कूल पर हमला करने वाले पहले दस्ते का नेतृत्व करने वाले अतिक-उर रहमान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
आतंकियों ने डेढ़ सौ लोगों की हत्या कर दी
हालांकि इससे पहले सेना ने दावा किया था कि स्कूल हमले के संबंध में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां की गई हैं और छह संदिग्धों को छोड़कर बाकी सभी साजिशकर्ता मारे गए हैं या गिरफ्तार कर लिए गए हैं. गौरतलब है कि पिछले साल 16 दिसंबर, 2014 को पेशावर के एक आर्मी स्कूल पर हमला कर आतंकियों ने डेढ़ सौ लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें सवा सौ से ज्यादा स्कूली बच्चे थे. इस हमले की निंदा पूरी दुनिया में हुई थी. जिसके बाद पाक ने इन हमलावारों को पकड़ने के लिए काफी तेजी दिखायी थी और आतंकियों को पकड़नें की मुहिम छेड़ रखी है.
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