आस्ट्रेलिया की शोधकर्ताओं की टीम ने चीन की एक बच्चे की नीति लागू होने से पहले पैदा हुए और उसके बाद पैदा हुए बच्चों के बीच एक तुल्नात्मक अध्ययन किया. इस शोध में भाग लेने वाले लोगों के व्यवहार और व्यक्तित्व को परखा गया.
शोध के मुख्य संलेखक प्रॉफेसर लीज़ा कैमरून ने बीबीसी को बताया, “हमने पाया कि जो लोग चीन की एक-बच्चा नीति लागू होने के बाद पैदा हुए हैं, उन्हें लोगों पर विश्वास करने में मुश्किल होती है और साथ ही जोखिम उठाने की कम हिम्मत रखते हैं. जबकि इस नीति के लागू होने से पहले पैदा हुए लोग ऐसे नहीं हैं.”
प्रॉफेसर लीज़ा कैमरून का कहना था कि उनके सर्वेक्षण के मुताबिक एक-बच्चा नीति के तहत पैदा हुए लोग कम ईमानदार और थोड़े सनकी होते हैं. हालांकि ऑक्सफर्ड युनिवर्सिटी के एक दूसरे वैज्ञानिक ने कहा कि शोधकर्ताओं की ये टीम बहुत बड़ा दावा कर रही है और ऐसा ज़रूरी नहीं है कि नीति लागू होने से पहले और बाद में पैदा हुए बच्चों के बीच इतना अंतर हो.
विश्वसनीयता
चीन में एक-बच्चा नीति 1979 में लागू हुई थी, जिसके तहत शादी-शुदा जोड़ों को केवल एक ही बच्चा पैदा करने की इजाज़त है. इस शोध के लिए 421 लोगों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें से आधे नीति लागू होने से पहले पैदा हुए थे और आधे उसके बाद.
शोध के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए इन लोगों को विभिन्न तरह की गेम्स में भाग लेने के लिए कहा गया. ऑस्ट्रेलियाई नेश्नल युनिवर्सिटी के प्रोफेसर शिन मेंग ने बताया कि इन गेम्स में पैसे के ज़रिए लोगों की विश्वस्नीयता को परखा गया.
इसके अलावा ये जानने की कोशिश की गई कि सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले लोग सकारात्मक सोच रखते हैं या नहीं, प्रतिस्पर्धा की भावना रखते हैं या नहीं और जोखिम लेना पसंद करते हैं या नहीं.
प्रोफेसर शिन मेंग ने कहा, “चीन में आम धारणा ये है कि एक-बच्चा नीति के तहत पैदा हुए बच्चे बिगड़ैल और स्वार्थी हैं और मेहनत करना पसंद नहीं करते. लेकिन इस धारणा को कभी किसी ने साबित करने की कोशिश नहीं की. इसलिए हमने ये शोध करने का फैसला किया.”
उन्होंने ये भी कहा कि चीन इस समय एक-बच्चे की नीति पर पुनर्विचार कर रहा है और उन्हें उम्मीद है कि कोई भी फैसला लेने से पहले इस शोध पर विचार किया जाएगा.
शोधकर्ताओं की टीम ने कहा कि एक बच्चे की नीति पूरे चीन में लागू नहीं की गई है, इसलिए पूरे चीन की छवि इस शोध पर आधारित नहीं होनी चाहिए.
International News inextlive from World News Desk