कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। फेस्टिव सीजन के करीब आते ही ज्यादातर लोग गोल्ड में इन्वेस्ट करने के बारे में सोचने लगते हैं। हालांकि मार्केट में सोने की कीमतों में उतार चढ़ाव से लोगों की सोच पर बराबर असर पड़ता रहा है। ऐसे में भारतीयों का पसंदीदा इन्वेस्टमेंट ऑप्शन होने के बाद भी लोगों में डिजिटल और फिजिकल गोल्ड इंवेस्टमेंट को लेकर चर्चा बनी रहती है। दोनों में आपके लिए कौन सा है बेस्ट, समझें कुछ इस तरह से।
दोनों के बीच है साफ-साफ अंतर
फिजिकल गोल्ड वो है, जिसे आप हाथ से छू सकते हैं और दूसरा है डिजिटल गोल्ड, जिसे आप हाथ से छू नहीं सकते. वहीं गोल्ड ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड, जिसे आप ऐप या वेबसाइट की हेल्प से खरीद सकते हैं, इसपर सिर्फ 3 परसेंट जीएसटी एक बार ही लगती है। ये आपके ओवरऑल पोर्टफोलियो में सुधार करता है। इसी के साथ डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में गोल्ड बिना किसी रिस्क के लिक्विडीटी देता है।
एकदम खरा होता है डिजिटल गोल्ड
डिजिटल गोल्ड में सोने की क्वालिटी 24 कैरेट होती है। मतलब एकदम खरा सोना, बस आप इसे हाथ से छू नहीं सकते। वहीं फिजिकल गोल्ड में आपको पता नहीं होता कि सोना शुद्ध है भी या नहीं। साथ ही साथ मेकिंग चार्ज की वजह से ये थोड़ा ज्यादा महंगा भी पड़ता है।
डिजिटल गोल्ड को ट्रेंडिंग कंपनियां सेफ रखती हैं
डिजिटल गोल्ड में आपको अपने सोने की सेफ्टी के बारे में ज्यादा सोचना नहीं पड़ता। इसे ट्रेंडिंग कंपनियां सेफ रखती हैं। वहीं फिजिकल गोल्ड को सेफ रखने के लिए बीमा कवर लेना पड़ता है। ये कभी भी चोरी हो सकता है या खो भी सकता है। हालांकि अगर आप रिस्क नहीं लेना चाहते तो फिजिकल गोल्ड आपके लिए बेहतर विकल्प है।
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