कानपुर। आज से 27 साल पहले 10 नवंबर को क्रिकेट मैदान पर साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम की वापसी हुई जिसने 21 साल तक बैन झेला। करीब दो दशक तक इंटरनेशनल क्रिकेट से दूर रही इस टीम के लिए दोबारा वापसी आसान नहीं थी। यही वजह है कि अपने पहले वनडे मैच में प्रोटीज को भारत के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी थी। क्रिकइन्फो के मुताबिक, 10 नवंबर 1991 को साउथ अफ्रीकी टीम वनडे मैच खेलने भारत आई थी। इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरी पारी की शुरुआत कर रही अफ्रीकी टीम को तीन विकेट से करारी हार मिली। यह मैच कोलकाता के ईडन गाॅर्डन में खेला गया था। जब पूरी अफ्रीकी टीम मैदान पर उतरी तो हर एक खिलाड़ी भावुक हो गया था।
क्यों लगा था 21 साल का बैन
साउथ अफ्रीका को 1889 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का दर्जा मिला था। उसके बाद अफ्रीकी टीम ने सालों तक ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ मैच खेला।फिर 70 के दशक में ऐसी घटना घटी जिसने पूरी अफ्रीकी टीम को क्रिकेट से दूर कर दिया था। अफ्रीका के इंटरनेशनल क्रिकेट से बाहर होने की वजह थी उसकी सरकार की मनमानी नीतियां। दक्षिण अफ्रीका सरकार की रंगभेद नीति में कुछ ऐसे नियम बनाए गए थे जिसने आईसीसी को दुविधा में डाल दिया था। सरकार के नियमों के मुताबिक उनकी देश की टीम को श्वेत देशों (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) के खिलाफ ही खेलने की इजाजत थी। साथ ही यह शर्त थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे। ऐसे में आईसीसी को साउथ अफ्रीका क्रिकेट पर बैन लगाना पड़ा।
1992 में खेलने को मिला पहला वर्ल्ड कप
आईसीसी के द्वारा दक्षिण अफ्रीका टीम को निलंबित करने के बाद कई बड़े-बड़े दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों का भविष्य चौपट हो गया और कई क्रिकेटर्स का कॅरियर इसी इंतजार में खत्म हो गया कि कब दक्षिण अफ्रीका टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी मिलेगी। आखिरकार, पूरे 21 साल के बाद दक्षिण अफ्रीका में बदलाव आया और रंगभेद की नीति को खत्म किया गया। इसके बाद अफ्रीका ने 1991 में पहला वनडे खेला और फिर 1992 में पहली बार वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया।
मैच के दौरान हुआ हादसा, बाउंसर लगने से खिलाड़ी पहुंच गया अस्पताल
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