कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। 2010 की बात है, साउथ अफ्रीकी टीम तीन मैचों की वनडे सीरीज खेलने भारत आई थी। पहला मैच आसानी से जीतने के बाद भारत का अगला सामना ग्वालियर में हुआ। उस वक्त टीम के कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। ग्वालियर की पिच हमेशा से बल्लेबाजों के फेवर में रही है। यहां चौको-छक्कों की खूब बारिश होती है। भारत की तरफ से वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर ओपनिंग करने मैदान पर उतरे। अपनी विध्वंसक पारी के लिए मशहूर सहवाग ने इस मैच में निराश किया और 9 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद क्रीज पर आए दिनेश कार्तिक। कार्तिक ने सचिन का पूरा साथ दिया।
200 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे सचिन
आमतौर पर तेंदुलकर को संभलकर खेलते हुए देखा जाता था। मगर उस दिन सचिन कुछ और ही सोच कर आए थे। कवर ड्राइव, लांग ड्राइव, पुल, अपर कट, मानो सचिन की किताब में जितने भी क्रिकेटिंग शॉट थे उस दिन दर्शकों को सब एक मैच में देखने को मिले। उस वक्त अफ्रीकी टीम में डेल स्टेन अपने चरम पर थे, मगर सचिन के आगे वो भी बेबस नजर आए। कोई भी गेंदबाज सचिन को रोक नहीं पा रहा था। लोगों को अंदेशा हो गया था कि आज कुछ इतिहास बनने वाला है। सचिन ने पूरे 50 ओवर बैटिंग कर 147 गेंदों में नाबाद 200 रन ठोंक दिए। इससे पहले वनडे इतिहास में किसी भी बल्लेबाज ने यह आंकड़ा नहीं छुआ था। सचिन ऐसा करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने। इस पारी में उन्होंने 25 चौके और 3 छक्के लगाए।
भारत 153 रन से जीता था मैच
सचिन की इस ऐतिहासिक पारी की बदौलत भारत ने 401 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया। जवाब में साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 248 रन पर ढेर हो गई। एबी डिविलियर्स की 114 रनों की पारी भी टीम को हार से नहीं बचा पाई। भारत यह मैच 153 रन से जीत गया। सचिन के 200 रन बनाने के बाद कई क्रिकेटरों ने यह मुकाम हासिल किया। भारत के रोहित शर्मा तो 3 बार वनडे में डबल सेंचुरी ठोंक चुके हैं। उनका हाईएस्ट स्कोर 264 रन है।
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