कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। साल 2001 की बात है, ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर थी। टीम भी ऐसी-वैसी नहीं उस वक्त की सबसे खतरनाक मानी जाने वाली। यानी कि वो कंगारु टीम किसी का शिकार कर ले तो उसके चंगुल से छूट पाना काफी मुश्किल हो जाता था। इसकी वजह थे ऑस्ट्रेलियन टीम के धुरंधर खिलाड़ी, पोटिंग, गिलक्रिस्ट,स्टीव वॉ, मार्क वॉ, मैथ्यू हेडन और शेन वार्न। इन खिलाड़ियों से बड़ी-बड़ी टीमें घबराती थीं। खैर भारत आए इन कंगारु मेहमानों का स्वागत टेस्ट मैच के साथ हुआ। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट सीरीज रखी गई। जैसा कि अनुमान था ऑस्ट्रेलिया ने मुंबई में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को पटखनी दे दी। अब बारी थी दूसरे टेस्ट की जोकि ईडन गार्डन में खेला गया।
क्या हुआ था भारत-ऑस्ट्रेलिया के इस मैच में
11 मार्च को शुरु हुए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। हालांकि यह डिसीजन सही साबित हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में कप्तान स्टीव वॉ के शतक की बदौलत 445 रन बनाए। अब बारी थी भारतीय बल्लेबाजों के पराक्रम की। मगर कंगारु गेंदबाजों के सामने सभी बल्लेबाज बेबस नजर आए। वीवीएस लक्ष्मण को छोड़ दिया जाए तो किसी भी भारतीय बल्लेबाज का बल्ला नहीं चला। लक्ष्मण के बेहद उपयोगी 59 रन की बदौलत भारत का पहली पारी में स्कोर 171 बना। यानी कि पहली पारी में भारत 274 रन पिछड़ गया और फॉलोआन खेलने की नौबत आ गई।
भारत को जरूरत थी 'द वॉल' की
दूसरी पारी में भारत के दोनों ओपनिंग बल्लेबाज 70 रन पर चलते बने। सभी को लगा ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज फिर से भारत को सस्ते में समेट देंगे और यह मैच पारी के अंतर से अपने नाम करेंगे। मगर पिच्चर अभी बाकी थी, क्रीज पर आए वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर, दोनों ने पारी को आगे बढ़ाया। लेकिन उस दिन किस्मत सचिन के साथ नहीं थी और वह 10 रन पर आउट हो गए। इसके बाद गांगुली बैटिंग करने आए लेकिन वो भी 48 रन पर चलते बने। भारतीय टीम विकेटों के इस पतझड़ को रोकने के लिए दीवार की जरूरत थी और हुआ भी वही। 'द वॉल' नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ अब क्रीज पर आ चुके थे, उधर लक्ष्मण धीरे-धीरे अपनी पारी को आगे बढ़ा रहे थे।
इन दो खिलाड़ियों ने खेली थी 'वैरी वैरी स्पेशल' इनिंग
चौथे दिन लक्ष्मण-द्रविड़ जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब भारत का स्कोर 232 रन पर 4 विकेट था। मगर उसके बाद इन दोनों बल्लेबाजों ने ऐसी बल्लेबाजी की कि पूरा दिन गुजर गया, मगर कोई भी कंगारु गेंदबाज लक्ष्मण-द्रविड़ का विकेट नहीं गिरा सका। लक्ष्मण ने इस पारी में 281 रन बनाए जबकि द्रविड़ 180 रन बनाकर पवेलियन लौटे। यही वो दिन था, जिसके बाद वीवीएस लक्ष्मण को 'वैरी वैरी स्पेशल' कहा जाने लगा। भारत ने अपनी दूसरी पारी 657 रन पर घोषित कर दी। अब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 384 रन की जरूरत थी। मगर पूरी कंगारू टीम दूसरी इनिंग्स में 212 रन पर ऑलआउट हो गई और भारत यह मैच 171 रन से जीत गया।
सिर्फ दो टीमों ने जीता है फाॅलोआन टेस्ट
टेस्ट क्रिकेट इतिहास में सिर्फ दो टीमें हैं जिन्होंने फाॅलोआन खेलने के बाद टेस्ट मैच जीता। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इंग्लैंड ने दो बार यह कारनामा किया। इंग्लिश टीम ने ऑस्ट्रेलिया को पहले 1894 फिर 1981 में हराया था। इसके बाद 2001 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को हराकर ये कारनामा करने वाली दूसरी टीम बनी।
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