कानपुर। 50-70 के दशकों के बीच एसडी बर्मन के मधुर संगीतों ने लोगों को अपना दीवाना बना रखा था। एसडी बर्मन ने फिल्म 'टैक्सी ड्राइवर', 'प्यासा', 'काला पानी', 'कागज के फूल', 'बंदिनी', 'मेरे सपने', 'अभिमान' और 'चुपके-चुपके' में अपने मधुर संगीत से लोगों के दिलों पर राज करने लगे। हालांकि 1 अक्टूबर, 1906 को जन्में एसडी बर्मन 31 अक्टूबर, 1975 को अपनी संगीत से भरी दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए। वहीं पिता एसडी बर्मन से बेटे आरडी बर्मन को संगीतकार बनने का हुनर विरासत में मिला और उन्होंने अपनी जिंदगी में कई हिट गाने गाए जिन्हें आज भी लोग उत्सुकता से सुनते हैं। फिर आरडी बर्मन भी 1994 में हार्ट अटैक की वजह से चल बसे थे।
- लता मंगेशकर-आशा भोंसले
लता मंगेशकर और उनकी बहन आशा भोसलें को कई बार भारत की कोकिला के नाम से भी पुकारा जाता रहा है। लता मंगेशकर ने हिंदी फिल्मों में करीब 7 दशकों तक सुरीले सॉन्ग गा कर फिल्म जगत को बेहतरीन गानों की सौगात दी। फिल्म 'मुगले-ए-आजम' में लता की छोटी बहन आशा भोंसले ने 'प्यार किया तो डरना क्या' सॉन्ग गाया था। इसके बाद आशा ने 'पर्दे में रहने दो', 'पिया तू अब तू आजा', 'दम मारो दम' और फिल्म 'उमराव जान' का सॉन्ग 'दिल चीज क्या है' सॉन्ग गाया था।
- गुलशन कुमार-तुलसी कुमार
गुलशन कुमार ऐसे संगीतकार हैं जिन्होंने न सिर्फ संगीत नर्देशित किए बल्कि टी सीरीज म्युजिक कंपनी की स्थापना भी की। 12 अगस्त, 1997 में गुलशन कुमार का अज्ञात तरह से निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनकी बेटी तुलसी कुमार इंडस्ट्री में बतौर प्लेबैक सिंगर काम कर रही हैं और बेटा भूषण कुमार उनकी टी सीरीज कंपनी को संभाल रहा है। मालूम हो तुलसी का सबसे फेमस सॉन्ग है 'तुम जो आए जिंदगी में बात बन गई'।
- मुकेश-नितिन मुकेश-नील नितिन मुकेश
मुकेश कुमार भी अपने समय के लेजेंड्री सिंगर रहे हैं। मुकेश को फिल्म 'रजनीगंधा' के सॉन्ग 'कई बार यूंही देखा है' के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था। इसके साथ उन्हें फिल्म 'अनाडी़' के सॉन्ग 'सब कुछ सीखा हमने' और मूवी 'पहचान' के गाने 'सबसे बडा़ नादान वही है' के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किए गए थे। वहीं उनके बेटे नितिन ने सॉन्ग 'माई नेम इज लखन' और 'सो गया ये जहां' जैसे पॉपुलर गानों से दिल जीता।
- किशोर कुमार-अमित कुमार
फिल्मों के लेजेंड्री प्लेबैक सिंगर किशोर कुमार ने 'रूप तेरा मस्ताना' जैसे सॉन्ग गा कर लोगों के मन में अपनी कभी न मिटने वाली छाप छोडी़। इसके साथ 'सागर किनारे' और 'ओ साथी रे'
जैसे फेमस गाने गाए। उन्हें सुरीली आवाज के लिए 8 बार फिल्म फेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट मेल सिंगर के अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
- शंकर महादेवन-सिद्धार्थ
बॉलीवुड के जाने माने सिंगर शंकर महादेवन ने फिल्मों में कई हिट गाने दिए हैं जिन्हें लोग शायद ही भूल पाएं। उन्होंने फिल्म 'घातक' का गाना 'कोई जाए तो ले जाए', 'राजी' का 'दिलबरो' और 'कार्तिक कॉलिंग कार्तिक' का 'उफ तेरी अदा' जैसे गानों को गाया और निर्देशित किया। वहीं शंकर महादेवन के बेटे सिद्धार्थ महादेवन ने भी 'भाग मिल्खा भाग' के जिंदा और 'धूम 3' के 'मलंग' सॉन्ग गा कर इंडस्ट्री में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
- उदित नारायण-आदित्य नारायण
उदित नारायण ने बॉलीवुड की कई फिल्मों के गानों में अपनी सुरीली आवाज घोली है। इन गानों में 'पहला नशा', 'जादू तेरी नजर', 'तू चीज बडी़ है मस्त', 'दिल तो पागल है', 'परदेसी' और 'कुछ-कुछ होता है' जैसे गीत शामिल है। वहीं आदित्य नारायण ने फिल्म 'अकेले हम अकेले तुम' का टाइटल सॉन्ग, 'छोटा बच्चा जान के हमको न समझाना रे', 'चुपडी़-चुपडी़ चाची' जैसे जाने माने गाने गाए हैं।
कनाडा के इस शहर में राजकपूर के नाम है एक सड़क, जानें शोमैन कभी चीन क्यों नहीं गए
कैंसर से जूझ रही ताहिरा की ताकत बने पति आयुष्मान और देवर अपार शक्ति, ऐसे दे रहे फैमिली सपोर्ट
Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk