कानपुर। मनोज कुमार के जन्म के समय भारत और पाकिस्तान एक ही था और मनोज कुमार ने एबटाबाद में जन्म लिया जो इस समय पाकिस्तान का हिस्सा है। मिड डे के मुताबिक पाकिस्तान के इसी हिस्से पर आतंकवादी ओसामा बिन लादेन ने अपना कब्जा कर रखा था पर अमेरिका द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक में ओसाम यहीं मारा गया। जिस जगह पर मनोज का जन्म हुआ वहां ओसामा की मृत्यू हुई थी। यही है दोनों के बीच खास कनेक्शन।
- मनोज भारत की आजादी के पहले जन्में थे और कुछ ही सालों में भारत-पाकिस्तान का विभाजन हो गया था। उनका परिवार किसी तरह से अपनी जान बचाते हुए दिल्ली पहुंचा। उस वक्त मनोज सिर्फ 10 साल के ही थे।
- मनोज को बचपन से ही अभिनय करने का शौक था। मनोज ने बॉलीवुड में अपना एक्टिंग करियर बनाने के लिए बहुत स्ट्रगल किया। शुरुआती दौर में तो मनोज ने राइटर की तरह भी काम किया वो भी मेकर्स के बुलाए जाने पर वो फिल्मों के छोट-छोटे सीन लिखा करते थे। इस काम के लिए मनोज को 11 रुपये प्रति सीन मिलते थे।
- मनोज कुमार दीलिप कुमार के बहुत बडे़ फैन थे इसलिए उनसे इंस्पायर हो कर मनोज कुमार ने अपना नाम तक बदल दिया। मनोज कुमार के लिए दीलिप कुमार उनके आइडल थे जिनकी वजह से उन्होंने इंडस्ट्री में आने का मन बनाया था। हलांकि मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्णा गिरी गोस्वामी था जिसे बदल कर मनोज कुमार कर दिया गया। दीलिप कुमार की 1949 में रिलीज हुई फिल्म 'शबनब' में उनके कैरेक्टर का नाम भी मनोज ही था।
- मनोज कुमार ने फिल्म 'फैशन' से 1957 में बॉलीवुड में बतौर एक्टर एंट्री की थी। इस फिल्म से मनोज का एक्टर बनने का सपना तो पूरा हो गया पर उन्हें पहचान नहीं मिल पाई। इस फिल्म के बाद मनोज कुमार परेशान रहने लगे।
- 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही लडा़ई के बीच समकालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री ने मनोज कुमार से एक रिक्वेस्ट की। लाल बहादुर शास्त्री ने मनोज से कहा कि वो एक फेमस स्लोगन पर फिल्म बनाए 'जय जवान जय किसान'।
- लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर मनोज ने हिंदी सिनेमा को भी भारत-पाक जंग से जोड़ कर युवाओं में क्रांती लाने की कोशिश की। मनोज 'जय जवान जय किसान' तो नहीं पर फिल्म 'उपकार' में मुख्य भूमिका निभा कर 1967 में एक देश भक्त युवा के किरदार में उभरे।
- 1981 के बाद से मनोज का करियर ढलान की ओर बढ़ने लगा। मनोज की फिल्म 'क्रांति' ने 1981 में बॉक्स ऑफिस पर अपना दबदबा तो बनाया पर इसके बाद उनकी फिल्में कम चलने लगीं। इन सबकी वजह से मनोज ने एक्टिंग को अलविदा कह दिया और आखिरी फिल्म 'मैदान-ए-जंग' में बतौर अभिनेता नजर आए।
- एक्टिंग की दुनिया को अलविदा कह कर मनोज ने शशी गोस्वामी नाम की महिला से शादी कर ली और आज उनके दो बेटे विशाल और कुणाल हैं। मनोज कुमार ने 1999 में फिल्म 'जय हिंद' से निर्देशन में भी हाथ आजमाया पर वो फिल्म फ्लॉप साबित हुई।
- मनोज कुमार को सरकार द्वारा 1992 में पद्मा श्री अवॉर्ड मिला था पर उन्होंने एक बार अदाकारी की दुनिया को छोड़ दिया तो फिर दोबारा इसमें हाथ नहीं आजमाया। फिलहाल आप मनोज कुमार की अनदेखी तस्वीरें देखें।
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