कानपुर। 30 अक्टूबर, 1952 को दलीप ताहिल घनश्याम जेठानंद ताहिलरमानी के घर पैदा हुए थे। दलीप ने अपना कॉलेज अलीगढ़ मुश्लिम यूनिवर्सिटी से पूरा किया। ताहिल ने कई फिल्मों में बतौर वीलेन तो कई में बतौर पिता अभिनय किया है। फिल्म 'कयामत से कयामत तक' में आमिर को एवरग्रीन सॉन्ग 'पापा कहते हैं बडा़ नाम करेगा' तो याद ही होगा। इसके बाद दलीप फिल्म 'राम लखन', 'त्रीदेव', 'दीवाना' और 'डर' में भी नजर आए थे। जानिए इनके जैसे कई ऐसे सपोर्टिंग एक्टर्स को जिन्होंने फिल्मों को हिट तो कराया पर लोग अब उन्हें शायद याद भी नहीं रखते।
- विजू खोटे
फिल्म 'शोले' में जय-वीरू की दोस्ती के अलावा गब्बर का किरदार आज भी लोगों के दिलो दिमाग पर छाया रहता है। लेकिन गब्बर के डाकुओं के झुंड में एक मेंबर कालिया थr जिसकी मोटी-मोटी भौहें और घनी मूछें थीं। वो कालिया कई फिल्मों में विलेन बन चुका है जैसे 'कुर्बानी', 'कर्ज', 'कयामत से कयामत तक', 'अंदाज अपना अपना'।
- मैक मोहन
'शोले' में ही गब्बर की टोली का एक मेंमर सांभा भी था जिससे गब्बर अकसर पूछा करता था 'कितने आदमी थे', क्या शोले का ये किरदार आपको याद था। 70 और 80 के दशक की कई फिल्मों में मैक मोहन साइड विलेन के रोल में नजर आए हैं। मैक मोहन फिल्म 'डॉन', 'कर्ज', 'सत्ते पे सत्ता' और 'शान' में भी नजर आए हैं।
- असरानी
पुरानी फिल्मों के नामी कॉमेडियन में असरानी का नाम भी टॉप पर था। उन्होंने फिल्म 'शोले' में एक पुलिस वाले की भूमिका निभाई थी जिसको गांव वाले कहते थे, 'अंग्रेजों के जमाने का जेलर'। वहीं असरनी फिल्म 'अभिमान', 'चुपके चुपके' और 'मेरे अपने' में भी नजर आ चुके हैं।
- उमा देवी खत्री(टुन-टुन)
वेटरन फिल्मों में अपने मोटापे और टुन-टुन नाम से लोगों को हंसाने वाली इस अभिनेत्री का असली नाम उमा देवी खत्री है। उमा देवी खत्री फिल्म 'बाबुल', 'आर-पार', 'प्यासा' और 'नमक हलाल' में नजर जैसी कई फिल्मों में नजर आई थीं।
- सत्येन कप्पू
'शोले' फिल्म के राम लाल को लोग असल जिंदगी में सत्येन कप्पू नाम से पुकारते थे। करीब 4 दशकों तक फिल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाने वाले सत्येन ने कुल 270 फिल्मों में अभिनय किया है।
- एके हंगल
फिल्म 'शोले' के इमाम साहब तो आपको याद ही होंगे। इमाम साहब का किरदार उस समय के जाने माने एक्टर एके हंगल ने निभाया था। एके हंगल अकसर फिल्मों में ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाते दिखते थे जो आदर्शवादी होता था और अपने सुविचारों को किसी की बली नहीं चढ़ने देता था।
- उत्पल दत्त
उत्पल दत्त सबसे ज्यादा अपनी फिल्म 'गोलमाल' के लिए जाने जाते हैं। फिल्म में उन्होंने बैक टू बैक अपनी कॉमिक टाइमिंग से लोगों की हंसी के फव्वारे निकाल दिए थे। वहीं कॉमेडी फिल्म 'नरम गरम', 'रंग-बिरंगी' और 'शौकीन' में भी उनका शानदार अभिनय देखने लायक है।
- ओम शिवपुरी
पुरानी 'डॉन' का वरदान याद है, ओम शिवपुरी। ओम शिवपुरी उस वक्त के ऐसे एक्टर्स में शामिल थे जो फिल्मों में विलेन के साथ-साथ अच्छे इंसान का किरदार भी निभाते थे। उस वक्त फिल्मों में जो विलेन बन गया वो विलेन और जो नायक बन गया वो नायक की ही छवी हर फिल्म में निभाता था। उस दौर में ओम शिवपुरी दोनों तरह की छवी वाले रोल किया करते थे।
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