कप में दिया गया है टोल फ्री नंबर
शताब्दी एक्सप्रेस में चाय के ऐसे कप पर भाजपा को लेकर गरमा-गरम चर्चा जोर-शोर के साथ चल रही है. इन कपों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तस्वीर छपी है. इसी के साथ कप पर लोगों से भाजपा के सदस्य बनने की अपील की जा रही है. कप पर साफ-साफ लिखा है, 'भाजपा के सदस्य बनें, साथ आयें और देश बनायें.' सिर्फ इतना ही नहीं पार्टी का सदस्य बनने के लिये इसपर टोल फ्री नंबर भी दिया गया है. ऐसे में अब अगर आप चाहें तो ट्रेन के सफर में चाय की चुस्कियों का मजा लेते हुये भाजपा का सदस्य बेहद आसानी के साथ बन सकते हैं. वहीं दूसरी ओर इस पूरे मामले पर रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि ये नियमों के विरुद्ध है. इसकी जांच कराई जायेगी और दोषी पाये जाने वाले के खिलाफ एक्शन जरूर लिया जायेगा.
कप में छपी है वेबसाइट
कप पर छपे इन विज्ञापनों को गौर से देखें तो समझ में आता है कि ये विज्ञापन 'संकल्प फाउंडेशन' की ओर से छपवाये गये हैं. ऐसा इसलिये समझ में आता है क्योंकि कप में नीचे इससे जुड़ी फाउंडेशन की वेबसाइट (sankalpfoundation.co.in) दी गई है. इसके साथ ही नीचे यह भी लिखा है 'charitable trust without any object of profit making.'.
तो क्या वाकई ऐसा हुआ है...
इस वेबसाइट पर जो दो चेहरे खासतौर पर दिखाई देते हैं, उनमें पहले हैं इसके सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव मित्तल और दूसरे हैं इसके वाइस प्रेसिडेंट भूशन जैन. मित्तल आरके एसोसिएट्स और होटेलायर्स प्राइवेट लिमिटेड (RKAHPL) के भी डायरेक्टर हैं, जो रेलवे को कैटरिंग सुविधा उपलब्ध कराते हैं. मित्तल से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मेरे पास सिर्फ एक ही वेंडर है इन कामों के लिये और उसी ने गलती से सारे कपों को मिला दिया है. वो कप जो इस समय ट्रेन में इस्तेमाल किये जा रहे हैं, खासतौर पर राजनीतिक रैली के लिये बने थे. पहले भी इस तरह के कप अमित शाह की रैली में इस्तेमाल किये गये थे. मैंने पहले भी सख्ती के साथ वेंडर से कहा था कि गलती से भी इन कपों का इस्तेमाल ट्रेन में ना होने पाये. ये कप स्वच्छ भारत अभियान के लिये बनवाये गये थे.'
क्या कहते हैं रेलवे के अधिकारी
इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इन कपों को यूनीवर्सिटीज़ और बस स्टैंड्स पर इस्तेमाल किया जाना था. भाजपा का प्रचार करने को नकारते हुये उन्होंने कहा कि वह सिर्फ उसका सपोर्ट करते हैं जो अच्छा काम करता है. वहीं रेलवे के डिवीजनल ऑफिसर नरेश गोयल इस बारे में कहते हैं कि इन कपों को इस्तेमाल करने से पहले किसी भी तरह की परमिशन नहीं ली गई है, ट्रेन में इस तरह की प्रचार सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही राजीव मित्तल को इस बारे में सावधान किया था कि ये कप ट्रेनों में इस्तेमाल नहीं होने चाहिये.
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