कानपुर। एक्टर अमरीश पुरी का जन्म पंजाब के जालंधर में निहाल चांद पुरी और वेद कौर के घर पर हुआ था। अमरीश पुरी पांच भाई-बहन रहे। उनके दो भाइयों का नाम चमन पुरी और मदन पुरी है। वहीं उनकी बड़ी बहन का नाम चंद्रकांता और छोटे भाई का हरीश पुरी है।
अमरीश पुरी हीरो बनने में हुए फेल
अमरीश पुरी ने फिल्मों में ये सोच कर अपना करियर बनाया कि उन्हें नामी हीरो बनना है। मालूम हो वो अपने पहले स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे। अमरीश ने कई स्टेज शोज में भी काम किया था। उन्होंने बतौर स्टेज आर्टिस्ट खूब नाम कमाया जिसके लिए उन्हें 1979 में संगीत नाटक एकेडमी अवाॅर्ड से नवाजा भी गया था। मालूम हो कि अमरीश विलेन का किरदार सिर्फ निभाते नहीं थे उसे जीते थे।
टीवी सीरीयल में भी किया था काम
स्टेज शोज में अपने दमदार अभिनय से नाम कमाने के बाद अमरीश ने टीवी सीरीयल्स में भी अभिनय किया है। कई टीवी शोज में काम करने के बाद वो 30 साल की उम्र में फिल्मों में डेब्यू कर पाए थे। उन्होंने मराठी फिल्म 'शांताता कोर्ट चालू आहे' से फिल्मों में कदम रखे। फिर 1970 में रिलीज हुई देव आनंद की फिल्म 'पुजारी' में उन्होंने छोटा सा रोल किया था जिसमें लोगों ने उन्हें नोटिस करना शुरु कर दिया था। इस फिल्म में अमरीश के भाई मदन पुरी ने भी अभिनय किया था।
इन 6 भाषा की फिल्मों में किया था काम
अमरीश पुरी फिल्मों मेंं हीरो बनने आए थे पर विलेन बन कर फेमस हुए। वहीं अमरीश पुरी ने न सिर्फ हिंदी बल्कि कई और भाषा की फिल्मों में भी अभिनय किया है। अमरीश ने कानाडा, मराठी, हाॅलीवुड, पंजाबी, मलयालम, तेलुगू और तमिल फिल्मों में अपनी शानदार अदायगी का प्रदर्शन किया है।
की हैं 400 फिल्में
अमरीश पुरी ने अपने अभिनय के करियर में करीब 400 फिल्में की हैं। इनमें सिर्फ हिंदी भाषा या बालीवुड की फिल्में ही नहीं हाॅलीवुड फिल्में और दूसरी भाषा में बनी कई फिल्में भी शामिल हैं। मालूम हो अमरीश पुरी ने स्टीवेन स्पीलबर्ग की फिल्म 'इंडियाना जोन्स' में एक ठगी पुजारी की भूमिका निभाई थी जिसका नाम था मोला राम। इसके बाद मिड डे की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्टीवेन ने कहा था, 'अमरीश पुरी मेरे फेवरेट विलेन हैं।'
था हैट कलेक्शन का शौक
अमरीश पुरी ने फिल्मों में विलेन के रोल में खूब नाम कमाया। वहीं उनके एक छुपे हुए शौक के बारे में शायद ही कोई जानता होगा। दरअसल अमरीश पुरी को तरह-तरह की हैट का कलेक्शन करना काफी पसंद था। उन्होंने कई देशों में यात्रा की और वो जहां भी जाते वहां से एक हैट जरूर खरीद लाते थे। यही करते-करते उनके पास करीब 200 हैट इक्कठा हो गई थीं।
आखिरी बार दिखे थे इस फिल्म में
अमरीश पुरी ने फिल्म 'मिस्टर इंडिया', 'नगीना', 'कोयला', 'गदर', 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'करण-अर्जुन' और 'घातक' जैसी बेहतरीन फिल्मों की सौगात दी है। मालूम हो कि आखिरी बार अमरीश पुरी साल 2006 में फिल्म 'सड़क' में दिखे थे। वो अपने जीवन के अंतिम दिनों में ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे और फिर 12 जनवरी, 2005 को हमेशा के लिए ये दुनिया छोड़ कर चले गए।
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