कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को दूसरे कार्यकाल के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह कार्यक्रम शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुआ, जिसमें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित इंडिया ब्लॉक के प्रमुख नेता शामिल हुए। अब्दुल्ला 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और उसके बाद पूर्व राज्य के दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले मुख्यमंत्री बने। उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बने हुए हैं। उन्होंने अब तक जम्मू और कश्मीर के राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अर्ली लाइफ

उमर अब्दुल्ला उमर अब्दुल्ला का जन्म 10 मार्च, 1970 को रोचफोर्ड, एसेक्स, इंग्लैंड में हुआ था। वे एक बहुत ही बड़े राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके दादा, शेख मुहम्मद अब्दुल्ला, "कश्मीर के शेर" के रूप में जाने जाते थे और जम्मू और कश्मीर के पहले महत्वपूर्ण राजनीतिक व्यक्तियों में से एक थे। 1939 में, उन्होंने जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस की स्थापना की। उनके पिता, फारूक अब्दुल्ला ने कई बार जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी मां, मोली अब्दुल्ला, ब्रिटिश हैं और इसलिए उमर अब्दुल्ला की अपब्रिंगिंग मल्टी कल्चरल रही है।

एजूकेशन

उमर ने अपनी स्कूलिंग बर्न हॉल स्कूल, श्रीनगर से पूरी की और बाद में लॉरेंस स्कूल, सनावर, हिमाचल प्रदेश में चले गए। इसके बाद उमर ने मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज से कामर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने स्कॉटलैंड के स्ट्रैथक्लाइड यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिट्रेशन में पोस्टग्रेजुएशन किया। उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लिए एजूशन और टूरिज्म में सुधार लाने के लिए कई सामाजिक कार्य किए हैं। वह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के फाउंडर भी हैं। उन्होंने कई अन्य ट्रस्टों के साथ चैरिटी ट्रस्ट में भी भाग लिया है।

पॉलिटिकल एंट्री

उमर ने 1998 में 12वीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद लाल चौक कांस्टीट्यूएंसी से सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में अपनी पॉलिटिकल जर्नी की शुरुआत की। वे 1999 में फिर से चुने गए, जिसमें उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया। 2001 में, उन्हें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री बनाया गया।

चीफ मिनिस्टर

38 साल की उम्र में, उमर अब्दुल्ला 2009 में जम्मू और कश्मीर के चीफ मिनिस्टर बने, जिससे वे इस पद को संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए। उनके कार्यकाल में राजनीतिक आंदोलन और सुरक्षा मुद्दे जैसी कई चुनौतियां आईं। 2015 की शुरुआत में जब उनकी पार्टी ने राज्य विधानसभा चुनावों में अपना बहुमत खो दिया, तो उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।

पर्सनल लाइफ

उमर अब्दुल्ला ने लव मैरिज की थी। उनकी शादी 1994 में इंडियन आर्मी में मेजर जनरल की बेटी पायल नाथ से हुई थी। इस शादी पर काबी बवाल भी हुआ था। हालांकि बाद में आपसी मतभेद के चलते ये दोनों 2011 में अलग हो गए। उनके दो बेटे हैं, जिनका नाम जाहिर और जमीर है। अपने परिवार की राजनीतिक विरासत के बावजूद, उमर अब्दुल्ला की जर्नी इंडियन पॉलिटिक्स में उनके कंट्रीब्यूशन को बयां करती है।

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