सैकड़ों रूस समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस मुख्यालय को घेर कर उसके खिड़की-दरवाज़े तोड़ दिए.
शुक्रवार को हुए टकराव में 40 से ज़्यादा लोग मारे गए थे. इनमें से ज़्यादातर रूस समर्थक अलगाववादी थे. यूक्रेन के अंतरिम प्रधानमंत्री ने पुलिस पर शुक्रवार की घटना को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है.
अंतरिम प्रधानमंत्री अरसेनी यात्सेनयुक ने इस घटना की जाँच के आदेश देते हुए कहा, "हिंसा यूक्रेन को बर्बाद करने की रूस की योजना का हिस्सा है. "
हिंसक मार्च
उन्होंने कहा, "रूस का उद्देश्य ओदेसा में वह सब दोहराना है जो देश के पूर्वी हिस्से में हुआ."
यूक्रेन की सेना देश के पूर्वी हिस्से में सरकारी इमारतों पर से रूस समर्थक अलगाववादियों के कब्ज़े को हटाने के लिए मुहिम चला रही है.
यूक्रेन की सेना ने पूर्वी शहर स्लोवियांस्क को घेर लिया है. रूस समर्थकों ने इस शहर में नियंत्रण केंद्र बनाया हुआ है. लेकिन यात्सेनयुक ने ज़ोर देकर कहा कि यूक्रेन ने इस इलाक़े में अपना नियंत्रण पूरी तरह से नहीं खोया है.
शुक्रवार को भड़की हिंसा में पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया गया था. ट्रेड यूनियन की इमारत के तीसरे तले पर पेट्रोल बम से लगी आग में दर्जनों रूस समर्थक लोग मारे गए थे. कुछ लोगों की मौत मुठभेड़ में गोली लगने से हुई.
रविवार को ओदेसा में रूस समर्थकों की मौत के ख़िलाफ़ पुलिस स्टेशन के सामने शांति मार्च निकाला गया था जो शुरुआत में तो शांतिपूर्ण था लेकिन बाद में हिंसक हो गया.
नकाब पहने और हल्के हथियारों से लैस लोगों ने पुलिस स्टेशन के खिड़की–दरवाज़ों को तोड़ डाला.
पुलिस ने तब हिरासत में लिए 67 लोगों को मुक्त कर दिया. भीड़ 'रूस, रूस' और 'रूस अपनों को अकेला नहीं छोड़ेगा' के नारे लगा रही थी.
यूक्रेन के रूस समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को पश्चिम समर्थक प्रदर्शनकारियों ने फ़रवरी में अपदस्थ कर दिया था.
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