ओखी नाम बांग्लादेश ने दिया
चक्रवात ओखी ने हाल ही में तमिलनाडु और केरल के दक्षिण तटों पर जमकर कहर बरपाया है। इस तूफान ने अब तक 15 से अधिक लोगों की जान भी ले ली है। इस तूफान से भारी नुकसान हुआ है। इस तूफान को ओखी नाम इस बार बांग्लोदश ने दिया है। ओखी का अर्थ बंगाली भाषा में आंख होता है। इस बार तूफान के नाम रखने की जिम्मेदारी नियमों के मुताबिक बांग्लादेश के खाते में आई थी।
नाम रखने में ये देश शामिल
वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑरगेनाइजेशन और यूनाइटेड नेशंस इकॉनोमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक ने साल 2000 में तूफानों के नाम रखने की शुरुआत की थी। हिंद महासागर क्षेत्र में तूफानों के लिए 8 तटीय देश शामिल हुए थे। इनमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड शामिल हैं। इस दौरान हर देश आठ नामों की सूची सौंपता है।
नहीं दोहराए जाते तूफानों के नाम
ऐसे में 8 देशों के उन 64 नामों की लिस्ट में देश के आधार पर तूफान का सेलेक्ट होता है। अब तक इरमा, फेलिप, महासेन, वरदा, हुदहुद, फालीन जैसे कई तूफान धरती पर अपना कहर ढा चुके हैं। खास बात यह है कि इन नामों से बचाव अभियानों में मदद मिलने के साथ ही फारकास्टर्स को भी आराम होती है। बतादें कि तूफानों के नाम में किसी भी नाम को दोहराया नहीं जाता है।
गति से जाने किसे श्रेणी का है तूफान
तूफानों की पहचान श्रेणी के रूप में उनकी गति से भी होती है। श्रेणी 1 में गिने जाने वाले तूफानों की गति प्रति घंटे 90 से 125 किलोमीटर होती है। श्रेणी 2 में प्रति घंटे 125 और 164 किलोमीटर, श्रेणी 3 में प्रति घंटे 165 से 224 किलोमीटर और श्रेणी 4 में प्रति घंटे 225 और 279 किलोमीटर के बीच होती है। वहीं श्रेणी 5 में प्रति घंटे 280 किलोमीटर से अधिक की गति होती है।
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