ओबामा ने पीछे हटने की कर दी शुरुआत
सीरिया के सरकारी अखबार अल थावरा ने पहले पेज पर लिखा है- भले ही अमेरिकी संसद इसे हरी झंडी दे दे लेकिन ओबामा ने पीछे हटने की शुरुआत कर दी है. उन्हें डर है कि सीमित हमला भी खुले युद्ध में तब्दील हो सकता है. ओबामा के निर्णय को सीरिया के उप विदेश मंत्री फैजल मुकदाद ने उहापोह में लिया फैसला बताया. उन्होंने अमेरिकी संसद से अपील की है कि वह इस प्रस्ताव को खारिज कर अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दे. अमेरिकी सांसद रैंड पॉल ने ओबामा प्रशासन के हमले के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी मिलने की संभावना 50-50 है. संसद हमले की मंजूरी दे भी सकती है और नहीं भी दे सकती है.
असद की तुलना हिटलर से
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने असद की तुलना एडोल्फ हिटलर और इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन से करते हुए कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति ने इन दोनों की तरह ही युद्ध काल में अपने नागरिकों पर रासायनिक हमले किए. केरी के मुताबिक इसका इजरायल, जार्डन और टर्की पर बड़ा असर पड़ सकता है. उनके अनुसार, राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन नहीं करना चाहते थे. हम एक तानाशाह को किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे. सीरिया में रासायनिक हमले वाली जगहों से जुटाए गए नमूनों से पता चला है कि वहां सरीन गैस का इस्तेमाल हुआ था. ये नमूने हमने स्वतंत्र लोगों से इकट्ठा करवाए. हम जानते हैं कि हमले का आदेश असद प्रशासन ने ही दिया था. हम सभी जानते हैं कि वहां क्या हुआ. हमारा पक्ष मजबूत हो रहा है.
ओबामा ने दिया संसद को सम्मान
ओबामा ने संसद को सम्मान दिया है. मुझे पूरी उम्मीद है कि अमेरिकी कांग्रेस राष्ट्रपति के हक में फैसला देगी. सीनेटर जॉन मैक्केन और लिंडसे ग्राहम ने भी ओबामा के निर्णय को सही ठहराते हुए सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की वकालत की है, लेकिन सीरिया के मुख्य विपक्षी दल ने असद शासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए संसद से अनुमति मांगने के ओबामा के कदम पर निराशा जताई है. साथ ही उम्मीद जताई है कि अमेरिकी संसद प्रस्ताव को मंजूरी दे देगी. सीरिया में रासायनिक हथियारों के प्रयोग की जांच करने वाली संयुक्त राष्ट्र की टीम द्वारा जुटाए गए नमूनों के विश्लेषण में तीन सप्ताह तक लग सकते हैं. यह टीम शनिवार को हेग पहुंची. फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के कार्यालय की ओर से कहा गया है कि सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का निर्णय लेने से पहले फ्रांस अपने देश की संसद और अमेरिकी संसद के फैसले की प्रतीक्षा करेगा.
जी 20 शिखर सम्मेलन में सीरिया पर होगा शक्ति परीक्षण
मॉस्को, एएफपी : सीरिया पर हमला से अमेरिकी राष्ट्रपति कदम पीछे खींचने के निर्णय के बाद सभी नजरें यहां होने वाली जी 20 शिखर सम्मेलन में व्लादमीर पुतिन पर टिकी होंगी. बैठक में अमेरिकी और रूसी नेता अपनी भिन्न-भिन्न नीतियों के लिए वैश्विक समर्थन पाने का प्रयास करेंगे.
क्रेमलिन ने कहा है कि रूस द्वारा पीटर्सबर्ग में गुरुवार से शुक्रवार तक चलने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के आधिकारिक एजेंडे में सीरिया मुद्दा नहीं है लेकिन अमेरिका और रूस दोनों इस मंच का इस्तेमाल सीरियाई प्रशासन के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व में संभावित हमले पर चर्चा के लिए इच्छुक हैं.
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