डीजीपी ने जारी किया सर्कुलर, सबसे वरिष्ठ होगा प्रभारी इंस्पेक्टर

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LUCKNOW : अब यूपी पुलिस के सभी थानों में चार इंस्पेक्टर तैनात होंगे। वर्तमान में तैनात प्रभारी इंस्पेक्टर पर काम के बोझ को कम करने और इलाके की कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखने की कवायद के तहत डीजीपी ने इसे लेकर सर्कुलर भी जारी कर दिया है। एक ही थाने में तैनाती के दौरान काम और अधिकार को लेकर किसी तरह का विवाद न हो, इसके मद्देनजर जारी सर्कुलर में सभी चारों इंस्पेक्टर के काम का बंटवारा भी किया है। खास बात यह है कि चारों इंस्पेक्टर में सबसे वरिष्ठ ही प्रभारी इंस्पेक्टर (एसएचओ) होगा।

थानों में तीन नये पद सृजित

डीजीपी ओपी सिंह द्वारा गुरुवार को जारी सर्कुलर के मुताबिक, अब थानों में प्रभारी इंस्पेक्टर के अलावा तीन अन्य इंस्पेक्टर तैनात होंगे। इसके तहत अब थानों में इंस्पेक्टर के तीन नये पद- एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (कानून-व्यवस्था), एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन) और एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (क्राइम) सृजित किये गए हैं। सर्कुलर में साफ किया गया है कि थाने का चार्ज डीजी स्थापना द्वारा जारी निरीक्षकों की वरिष्ठता सूची में सबसे वरिष्ठ इंस्पेक्टर को दिया जाए। इसके साथ ही अगर किसी थाने पर प्रभारी निरीक्षक के अलावा तीन से कम इंस्पेक्टर तैनात हैं तो मौजूद इंस्पेक्टर्स में से किसी एक को उसका भी अतिरिक्त कार्यभार दिया जायेगा।

इंस्पेक्टर्स के कार्य व दायित्व

प्रभारी इंस्पेक्टर

प्रभारी इंस्पेक्टर को तीनों अतिरिक्त इंस्पेक्टर्स व एसएसआई के कार्यों का सुपरविजन करना होगा। सीआरपीसी में दिये गए प्रभारी इंस्पेक्टर के सभी दायित्वों का निर्वहन के साथ ही सभी डाक का अवलोकन, कोर्ट के प्रोसेस का क्रियान्वयन करना व कराना, सभी गंभीर अपराधों के घटनास्थल का निरीक्षण, एफआईआर का रजिस्ट्रेशन कराना, मासिक सम्मेलन कराना, वेलफेयर से संबंधित सभी काम करवाना, थाने के मालखाने का प्रभार व थाने के गोपनीय अभिलेखों का रखरखाव, अपने अधीनस्थ सभी विवेचकों की कार्यक्षता पर गोपनीय रिपोर्ट प्रेषित करना, जनसुनवाई, जघन्य अपराधों की विवेचना, जघन्य अपराध, नक्सल व आतंकी गतिविधियों के बारे में इंटेलिजेंस कलेक्शन व ऐसी सूचनाओं का डाटा बेस तैयार करना, सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों में जागरूक्ता फैलाना, सीओ व अन्य सीनियर ऑफिसर्स द्वारा दिया गया सभी कार्य करने की जिम्मेदारी होगी।

एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन)

इनको गवर्नमेंट प्रॉपर्टी लिस्ट (थाने को इश्यू हथियार, वाहन आदि) का सुपरविजन, मालखाने के मैनेजमेंट में एसएचओ का सहयोग, जनसुनवाई में सहयोग, कोर्ट से संबंधित सभी कामों में सहयोग, जनसंपर्क कार्य करना व करवाना, सभी प्रार्थनापत्रों को थाने के स्टाफ में आवंटन की जिम्मेदारी, सभी प्रार्थनापत्रों के समयबद्ध निस्तारण व सीनियर अधिकारियों को उसकी सूचना समय से भेजना, थाना परिसर व पुलिसकर्मी आवास का मेंटीनेंस व देखभाल, थाना से संबंधित बजट संबंधी कार्य, के अलावा माल खाना, आर्म्स व एम्युनेशन के रखरखाव व उनकी मासिक रिपोर्ट सीनियर अधिकारियों को प्रेषित करना होगा। साथ ही उन्हें थानों का ह्यूमन रिसोर्स के मैनेजमेंट और उनके अनुशासन की भी निगरानी करनी होगी। सभी तरह के सत्यापन, संपूर्ण प्रशासन व आंकिक कार्य, लोक शिकायत प्राप्त करना और उसके निवारण कर जल्द से जल्द निस्तारण कराकर उसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने, सभी बिलों को तैयार कर भेजने, जनसूचना अधिकार के तहत सभी प्रार्थनापत्रों का समय से निस्तारण, अपील व रिव्यू रिट मामलों की निगरानी और कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत इलाके में समितियों की बैठक आयोजित करने की जिम्मेदारी होगी।

एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (क्राइम)

इनको एरिया में अपराध से संबंधित सभी जिम्मेदारी, एफआईआर रजिस्ट्रेशन को छोड़कर सीसीटीएनएस योजना के तहत सभी कामों का समय से पूरा कराना, अपराधों व यूपी 100 से प्राप्त सूचनाओं की मासिक व पाक्षिक स्टडी कर रिपोर्ट तैयार कर सीनियर अधिकारियों को भेजना, सभी गंभीर अपराधों के घटनास्थल का निरीक्षण व पीडि़तों की सुरक्षा प्रदान करना, साइबर अपराधों की विवेचना, क्राइम संबंधी सभी रिपोर्ट भेजना, विवेचना से संबंधित सभी रजिस्टर, क्राइम चार्ट, सजायाफ्ता व सक्रिय अपराधियों की निगरानी, रजिस्टर्ड गैंग की निगरानी, ऑर्गनाइज्ड क्राइम करने वाले अपराधियों की जानकारी उन्हें सूचीबद्ध करते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई करना, गैंगस्टर, एनएसए व अन्य निरोधात्मक कार्रवाई करना, जेल से छूटे अपराधियों की निगरानी करना और उसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को भेजना, अपराधों के चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट के साक्ष्यों का आकलन कर उसे सीनियर अधिकारियों को भेजना, हत्या व डकैती के साथ हत्या व अन्य गंभीर जघन्य अपराध की सूचना तत्काल अधिकारियों को भेजना, लूट, डकैती जैसी संगीन अपराधों का जल्द से जल्द खुलासा करना, सभी आपराधिक मामलों की विवेचना करना या कराना, थाना क्षेत्र में विवेचनाओं की तादाद को देखते हुए विवेचकों को हर साल विवेचना निस्तारिक करने की संख्या का निर्धारण करना और इसकी सूची सीनियर अधिकारियों को भेजना होगा। महत्वपूर्ण अपराधों की सूची बनाकर प्रभावी पैरवी कराना और उससे संबंधित गवाहों व माल मुकदमाती को कोर्ट में समय से प्रस्तुत कराना साथ ही गवाहों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (क्राइम) की होगी। इसके अलावा गवाहों को टूटने से बचाने के लिये उनसे सामंजस्य बनाना, हाईकोर्ट में पेंडिंग आपराधिक मामलों में प्रभावी पैरवी कराकर मजबूती से पक्ष रखने की कार्यवाही कराना होगा। विवेचना की त्रुटियों पर नजर रखते हुए ठोस साक्ष्य इकट्ठा करवाना होगा। गंभीर अपराधों की विवेचना के दौरान आधुनिक व वैज्ञानिक उपकरण आधारित साक्ष्यों को इकट्ठा कराना होगा।

एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर)

इनके जिम्मे थाना क्षेत्र से संबंधित कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी होगी। बीट पेट्रोलिंग, नाकाबंदी, बंदोबस्त आदि कार्यों की निगरानी, सब इंस्पेक्टर्स, कॉन्सटेबल्स, होमगार्ड्स व अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारण, अपराध की रोकथाम के लिये विभिन्न ड्यूटियों के लिये पुलिस पार्टी का मैनेजमेंट, एरिया में सुचारू ट्रैफिक व्यवस्था, एंटी रोमियो स्क्वायड की व्यवस्था, जुलूस, धरना, प्रदर्शन के दौरान शांति व्यवस्था की जिम्मेदारी भी एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर) की ही होगी। मेला, धार्मिक आयोजन, त्योहार आदि के अवसर पर शांति व्यवस्था और किसी अपराध या प्राकृतिक आपदा से पैदा हुई कानून-व्यवस्था की स्थिति का संभालना, ऐसे अभियोगों की विवेचना जिससे संबंधित आतंकवादी गतिविधियों से कानून-व्यवस्था प्रभावित हुई हो या हो रही हो उसकी रोकथाम करना भी एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर) के ही जिम्मे होगा। यूपी 100 की गाडिय़ों का मैनेजमेंट व उसके रखरखाव और गाड़ियों के लॉग बुक को नियमित चेक करना और वाहनों के रखरखाव व ईंधन के मद में हुए खर्च की वीकली रिपोर्ट अधिकारियों को भेजना, डेली त्योहार ड्यूटी में पुलिस फोर्स का मैनेजमेंट, थाना क्षेत्र में नियमित चेकिंग कराना, वीवीआईपी ड्यूटी व चुनाव ड्यूटी की व्यवस्था, मैनेजमेंट और निगरानी करना होगा। मॉल, मल्टी स्टोरी, होटल मार्केट, सिनेमा हॉल, अन्य सार्वजनिक स्थानों व सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा, जरूरत पडऩे पर अतिरिक्त फोर्स की मांग करना भी एडिशनल प्रभारी इंस्पेक्टर (लॉ एंड ऑर्डर) की ही जिम्मेदारी होगी।

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