ये हैं प्रभाकर
पटना में पैदा हुए प्रभाकर जल्द ही लातिन अमेरिका की बेहतरीन फिल्म में लीड रोल प्ले करते नजर आने वाले हैं। इनके बारे में जानें तो मालूम पड़ता है कि पटना में ये पैदा जरूर हुए, लेकिन इनकी पढ़ाई हरियाणा से हुई। एक्टिंग फील्ड में आना इनका बचपन का सपना था, लेकिन बॉलीवुड ने उनके इस सपने को चकनाचूर कर दिया था। इसके बावजूद इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वह चल पड़े विदेशी फिल्मों की ओर। अब वह एक लातिन अमेरिकी फिल्म 'इनटैंगल द कन्फ्यूजन' में मुख्य कलाकार की भूमिका में नजर आने वाले हैं।
प्रभाकर ने बताया
इस बारे में खुद प्रभाकर ने बताया कि उनकी फिल्म का नाम है 'इनटैंगल द कन्फ्यूजन'। स्पैनिश में इसका नाम है 'इनरेदादोस: ला कन्फ्यूजन'। प्रभाकर कहते हैं कि हिंदी में इसका मतलब है 'प्यार और घनचक्कर'। वैसे अभी हिंदी में इसका टाइटल फाइनल नहीं हुआ है। फिल्म की कहानी के बारे में उन्होंने बताया कि ये दो युवाओं की कहानी है। वो युवा जो अपनी गलतियों की वजह से अजीब सी मुश्किल में घिर जाते हैं। उन्होंने ये भी बताया कि फिल्म में उनका नाम लियो है।
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ऐसे शुरू हुई मेहनत
इसके आगे उन्होंने बताया कि कोस्टारिका और इस इलाके में कभी भी एक्शन फिल्म नहीं बनी थी। शुरू से वह बॉलीवुड में कुछ करना चाहते थे। मुंबई में उन्होंने कुछ कोशिश की थी। सिर्फ यही नहीं उन्होंने तो मनोज वाजपेयी के पिता की पैरवी वाली चिट्ठी का भी सहारा लिया। उसको लेकर वह मुंबई आए, लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं मिला। यहां से थककर 1997 में वह कोस्टारिका पहुंचे। यहां इन्होंने पढ़ाई भी की और कारोबार में महारथ हासिल की।
नहीं मानी हार
इन सबमें भी उनका हार ही हाथ लगी। बॉलीवुड फिल्मों के लातिन अमेरिका में वितरण के काम में भी इन्होंने हाथ आजमाया। इसमें भी कोई खास बात नहीं बनी। इतनी हार के बावजूद इन्होंने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ा। इसके बाद कोस्टारिका में इन्होंने बॉलीवुड की पांच-छह फिल्में खरीदकर रिलीज की। हर बार इस तरह से इन्होंने बॉलीवुड के करीब आने की कोशिश की। यहां इस काम से इनको 2 से 3 लाख रुपये की कमाई की।
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यहां भी नहीं बनी बात
इसके बाद प्रभाकर ने बॉलीवुड के कुछ डायरेक्टर्स से बात की कि क्या वह किसी प्रोजेक्ट को बॉलीवुड के अंदाज में बना सकते हैं। अपने इस आइडिया को इन्होंने फिल्म डायरेक्टर विश्वनाथ को सुनाया। यहां भी वह नाकाम रहे। इसके बाद इन्होंने यहां WWE से जुड़े कुछ ईवेंट कराए। उनका नाम था मोंस्टर ट्रक ईवेंट। ये काफी बड़ा ईवेंट था। इस इवेंट में इन्होंने अमेरिका से 48 पू्र्व चैंपियंस को बुलाया, जो बाइक और ट्रक से प्रदर्शन करते थे।
आखिर में की ये भी कोशिश
प्रभाकर ने बताया कि ये सब जुगाड़ करने के बाद आखिर में कोशिश यही थी कि किसी भी तरह से पैसा आए। इस पैसे से बड़ी फिल्म बन सके। उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी को इस ईवेंट में साल 2010 में 3 से 4 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। प्रभाकर का कहना है कि वाकई अपनी मेहनत से विदेश में पैसा कमाना आसान नहीं है। इसके बाद भी वह लगे रहे। उनका मानना है कि भारतीय खून जब खौलता है तो कहीं न कहीं कुछ न कुछ करता ही है। ऐसा हुआ भी। मूवी तो बनानी ही थी। सो उन्होंने बॉलीवुड से प्रभावित होकर कहानी लिखी और उसपर काम कर लिया।
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दर्शकों के रिस्पॉन्स का इंतजार
फिलहाल आगामी 9 फरवरी को रिलीज हो रही है प्रभाकर की लातिन अमेरिकी फिल्म। प्रभाकर अभी इस फिल्म को हिंदी और इंग्लिश में भी डब कराना चाहते हैं। इसके अलावा वह इसे खासतौर पर भोजपुरी में भी डब कराना चाहते हैं। अब ये तो वक्त ही बताएगा कि प्रभाकर शरण की इस मेहनत को दर्शकों का कैसा रिस्पॉन्स मिलेगा।Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk
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