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|MUZAFFARPUR/PATNA: उत्तर बिहार के जिलों में एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से बच्चों की मौत के कारणों की जांच के लिए मुजफ्फरपुर में उच्चस्तरीय रिसर्च सेंटर की स्थापना की जाएगी. देश के सभी बड़े रिसर्च सेंटरों जैसे एनआईवी पुणे, एनसीडीसी, नई दिल्ली, एम्स से भी मदद ली जाएगी. तकनीकी और वित्तीय मदद केंद्र सरकार देगी.' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवद्‌र्ध्रन ने रविवार को एसकेएमसीएच में इसकी घोषणा की. उन्होंने एईएस पीडि़त करीब 100 बच्चों के इलाज की गहन जानकारी ली. मंत्री ने कहा कि बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच में अलग से सौ बेड की पीआइसीयू (शिशु गहन चिकित्सा इकाई) अगले वर्ष तक तैयार होगी. अब तक बच्चों का इलाज अस्पताल में तैयार अस्थाई पीआईसीयू में हो रहा है.

तैयार होगा एक्शन प्लान
मंत्री ने कहा कि बीमारी के प्रमुख कारण में गर्मी और नमी को भी बताया जा रहा है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अर्थ विज्ञान विभाग से मदद लेकर एक्शन प्लान तैयार कराया जाएगा. ताकि, क्षेत्र विशेष को लेकर अध्ययन किया जा सके. मंत्री ने कहा कि बीमार बच्चों को तुरंत अस्पताल लाने पर स्वस्थ होने की अधिक संभावना रहती है. इसे देखते हुए बच्चों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था पर भी फोकस रहेगा. अतिरिक्त एंबुलेंस के अलावा रास्ते में ही इलाज की व्यवस्था कराई जाएगी. बीमार बच्चों के खून में शुगर की मात्रा काफी कम हो जाती है.

वायरोलॉजिकल लैब शुरू होगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीमारी के कारणों की जांच के लिए वायरोलॉजिकल लैब की जरूरत है. एसकेएमसीएच परिसर में इसके लिए आधारभूत संरचना है. कुछ माह में इस लैब पर काम शुरू करना है.