कानपुर। गूगल ने हाल ही में एंड्रॉयड यूजर्स के फोन की सुरक्षा के लिए एक ऐसा फीचर शुरु किया है, जो पियर-टू-पियर फाइल शेयरिंग प्लेटफॉर्म जैसे शेयरइट या एक्सेंडर द्वारा यूजर्स के बीच साझा किए जाने वाले हर ऐप को वेरीफाई करेगा।
शेयरइट और एक्सेंडर द्वारा फर्जी एप्स बांटने पर लगेगी लगाम
xda-developers की रिपोर्ट के मुताबिक शेयरइट, एक्सेंडर और गूगल 'फाइल्स गो' प्लेटफॉर्म आमतौर पर अपने यूजर्स के बीच तरह तरह की ऐप खासतौर पर गेम्स साझा करते हैं। इनमें तमाम फर्जी ऐप्स भी शामिल हो सकती हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि शेयरइट और एक्सेंडर द्वारा शेयर की जाने वाली इन एप्स का कोई वेरीफिकेशन अब तक पॉसिबल नहीं था। तो अब गूगल प्ले ने अपने नए अपडेटेड वर्जन में ऐसा फीचर लॉन्च कर दिया है। जो शेयरइट और एक्सेंडर या ऐसे ही किसी प्लेटफॉर्म द्वारा दी जाने वाली ऐप्स को इंस्टॉलेशन के दौरान फुल वेरीफाई करेगा। वो यह जांचेगा कि वो ऐप ऑफिशियल प्ले स्टोर से आ रही हैं, या फिर उनकी एपीके फाइल किसी अंजान सोर्स से भेजी जा रही है।
एप्स का ऑफलाइन डिस्ट्रीब्यूशन हुआ आसान
Google Play के प्रोडक्ट मैनेजर जेम्स बेंडर ने आधिकारिक डेवलपर ब्लॉग पर लिखा है कि गूगल प्ले के इस नए फीचर द्वारा तमाम ऐप डेवलपर्स को भी फायदा होगा, जो कि तमाम तरह की एप्स को ऑफलाइन शेयर करके उन्हें टेस्ट करते हैं। इस नए फीचर से हर लेवल पर ऑफलाइन आने वाली ऐप्स में से फर्जी ऐप्स की पहचान आसानी से हो सकेगी।
एंड्रॉयड फोन को मॉलवेयर से बचाने के लिए आया कमाल का फीचर
एंड्रॉयड स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने के लिए एक और कदम के रूप में, Google ने हाल ही में इंट्रा नाम का एक नया साइबर सुरक्षा उपकरण लॉन्च किया है। यह टूल स्मार्टफोन यूजर्स को DNS मैनिपुलेशन अटैक से बचाने के लिए बनाया गया है। यह ऐप यूजर्स की डिवाइस पर चल रहे इंटरनेट कनेक्शन को धीमा किए बगैर फोन को मॉलवेयर और फिशिंग अटैक से बचाने का दावा भी करता है।
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