कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Butter from Air: अमेरिका के कैलीफोर्निया में एक कंपनी ने हवा से बटर बनाने का दावा किया है। कंपनी का नाम सवोर है ,यह एक स्टार्टअप है। कंपनी का दावा है कि वो बिना दूध या बिना किसी भी तरह के डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किए बटर बना रही है और इसका टेस्ट बिल्कुल रियल बटर जैसा है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने पहले भी बिना किसी डेयरी प्रोडक्ट के आइसक्रीम,पनीर के विकल्प बनाए हैं और अब इसमें बटर भी शामिल हो गया है।

क्या है प्रोसेस

कंपनी बिना किसी डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किए,थर्मोकेमिकल प्रोसेस के जरिए कार्बन डाइ आक्साइड ,हाइड्रोजन और आक्सीजन को कंबाइन करके बटर बना रही है यानी इसे बनाने में उन काम्पोनेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है जो हवा से मिलते हैं। इस तरह से ये बात भी साफ है कि बटर बनाने का ये प्रोसेस पर्यावरण के नजरिए से भी फायदेमंद है।

कार्बन फुटप्रिंट की क्वांटिटी

कंपनी के अनुसार ,इस बटर में डेयरी बटर की तुलना में कम कार्बन फुटप्रिंट होगा,इसमें प्रति किलोग्राम में केवल 0.8 ग्राम कार्बन फुटप्रिंट होगा ,वहीं दूसरी तरफ 80 फीसदी फैट वाले अनसाल्टेड बटर में एक किलोग्राम में 16.9 किलोग्राम फुटप्रिंट होता है,जो कि हवा से बनने वाले बटर की तुलना में बहुत ज्यादा है।

कब से मिलेगा बाजार में

कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव कैथलीन एलेक्जेंडर ने बताया कि कंपनी अभी अप्रूवल के फेज में है और 2025 तक इसे बाजार में बेचने का का प्लान कर रहे हैं। फिलहाल इस बटर के टेस्ट के लिए एक पैनल बनाया है,जो कि अभी उस पर काम कर रहा है। 2025 से पहले तो इसके बाजार में आने की उम्मीद नहीं है।

बिल गेट्स से क्या है कनेक्शन

हवा से बटर बनाने बाली कंपनी एक तरह से स्टार्टअप है और बिल गेट्स इस स्टार्टअप को सपोर्ट कर रहे हैं। इसके साथ ही वो हवा से बटर बनाने के आइडिया का भी समर्थन कर रहे है। उनका कहना है कि लैब में बने फैट और तेलों पर स्विच करना थोड़ा अजीब लग सकता है,लेकिन इससे कार्बन फुटप्रिंट को बड़ी मात्रा में घटाया जा सकता है। कुछ टेक्नोलाजी को इस्तेमाल करके हम पर्यावरण के प्रति अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सफल हो सकते हैं। इससे ग्रीन हाउस गैस रिलीज नहीं होगी और ना ही फार्मलैंड का इस्तेमाल होगा। इसके साथ ही पानी की भी बचत होगी।

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