ये हैं वो दोनों
एक भिखारी दंपति है। मध्य प्रदेश के देवास जिले में ये सीताराम (60) अपनी पत्नी के साथ रहते थे। आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि इनके पास 500-500 रुपये के 96 हजार रुपये हैं। अब बिना किसी आईडी प्रूफ के ये लोग इतनी बड़ी रकम को लेकर बहुत परेशान हैं। दोनों देवास जिले के सिया गांव में झोपड़ी बनाकर रहते हैं। दोनों ही पति-पत्नी भीख मांगकर अपना गुजारा चलाते हैं।
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बैंक में तो नहीं है खाता भी
वैसे दोनों के बारे में बताया गया है ये मूलरूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। यहां बीते 20 सालों से रह रहे हैं। दोनों ने जिस समय से 500 और 1000 के नोट वाली ये खबर सुनी, दोनों की नींद उड़ चुकी है। दोनों के बारे में गांव के सरपंच ईश्वर सिंह बताते हैं कि दोनों भिखारियों के पास 500-500 रुपये के 96 हजार रुपये के नोट हैं। दोनों को लेकर बड़ी बात तो ये है कि इनके पास कोई बैंक खाता भी नहीं है।
अधिकारियों ने बंधाई मदद की आस
वहीं दोनों की इस समस्या को लेकर बैंक अधिकारियों से बात की गई है। अब इन दोनों की मदद जरूर की जाएगी। वहीं भिखारी सीताराम कहते हैं कि भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पैसे जोड़े थे। अब जब उनको नोटों के बंद होने के बारे में पता चला है तो पंचायत से लेकर सरपंच तक चक्कर लगा चुके हैं। अब इनको भी इंतजार है कि कोई इनका भी इंसाफ करे।
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