जांच कभी अंजाम तक पहुंच भी पाएगी या नहीं
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LUCKNOW : यूपी की ही तरह पाकिस्तानी सूबे सिंध के विधायकों को भी फिरौती के लिये धमकी भरे मैसेज मिले हैं। यह सभी मैसेज भी वर्चुअल नंबर से ही किये गए हैं। पिछले महीने सिंध असेंबली के विधायकों को मिले इन मैसेजों का मजमून भी यूपी के विधायकों को मिली धमकी से मिलता-जुलता ही है। यह खुलासा हुआ है एसआईटी की जांच में। वहीं, दूसरी ओर इसकी जांच के पूरी होने और आरोपी को कानून के शिकंजे में लाने को लेकर संशय के बादल गहरा गए हैं। दरअसल, वर्चुअल नंबर देने वाली कंपनी ने मदद से हाथ खड़े कर दिये हैं। कंपनी के इस रवैये के बाद सवाल खड़ा हो गया है कि यह जांच कभी अंजाम तक पहुंच भी पाएगी या नहीं?
पाकिस्तानी पुलिस भी खाली हाथ
विधायकों को वाट्सएप पर मिली धमकी भरे मैसेजों की जांच कर रही यूपी एसआईटी को पड़ताल में पता चला है कि पाकिस्तान के सूबे सिंध की प्रॉविंशियल असेंबली के सदस्यों को भी बीती एक मई को वाट्सएप पर धमकी मिली है। खास बात यह है कि जिस तरह यूपी के विधायकों को फिरौती की रकम न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई है, ठीक उसी तरह सिंध के इन विधायकों को भी धमकी दी गई है। हालांकि, वहां पर सिर्फ एक पार्टी नहीं बल्कि, मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट, पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कुल पांच विधायकों को यह धमकी मिली है। इन विधायकों को मैसेज भेजने वाले ने खुद को वहां के कट्टर आतंकी संगठन लश्कर-ए-झंगवी का कमांडर बताया है। यूपी एसआईटी ने जब इन मामलों की डिटेल जुटाई तो पता चला कि पाकिस्तानी पुलिस भी अब तक मैसेज भेजने वाले को दबोचने में नाकाम ही साबित हुई है।
अटक गई एसआईटी की जांच
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक, शुरुआती जांच में एसआईटी ने जो जानकारी जुटाई उसमें जिस नंबर से यह कॉल आ रही है, वह अमेरिका के न्यू कैरोलिना का निकला था। हालांकि, जब उस नंबर की आईपी एड्रेस की पड़ताल की गई तो वह पाकिस्तान का निकला। लेकिन, पाकिस्तान से किसी भी तरह की मदद की उम्मीद करना बेमानी था। इसलिए एसआईटी ने वर्चुअल नंबर देने वाली कंपनी की जांच शुरू की। पता चला वर्चुअल नंबर कनाडा की कंपनी एनफ्लिक से लिया गया था। एसआईटी ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के जरिए एनफ्लिक कंपनी से संपर्क साधा और उस वर्चुअल नंबर के धारक की डिटेल मांगी। लेकिन, एनफ्लिक कंपनी की ओर से बताया गया कि कंपनी वर्चुअल नंबर लेने वाले का डाटा सेव नहीं करती। इसलिए उसने ऐसी किसी भी जानकारी को देने से मजबूरी जता दी। जिसके बाद अब यह जांच अधर में फंस गई है। बताया जा रहा है कि अब एसआईटी भी अब कोई दूसरा तरीका ढूंढने को लेकर मंथन कर रही है जिससे धमकी देने वाले का पता किया जा सके।
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